तिलहन उत्पादन में दूसरे नंबर पर राजस्थान
तिलहन के उत्पादन में राजस्थान का उत्तर प्रदेश के बाद दूसरा स्थान है। राजस्थान में रबी की तिलहन फसलों में सरसों, राई, तारामीरा व अलसी तथा खरीफ की तिलहन फसलों में मूंगफली, सोयाबीन, तिल व अरंडी प्रमुख हैं। इसमें तिल मुख्य रूप से पाली और नागौर में होता है तो मूंगफली बीकानेर में उपजाई जाती है। राजस्थान में सबसे अधिक सोयाबीन की खेती की जाती है और अरंडी उत्पादन में राजस्थान दूसरे नंबर पर है। आपको यह भी बता दें कि इस बार प्रदेश में कृषि विभाग ने 22.30 लाख हेक्टेयर एरिया में तिलहन फसलों की बुवाई का लक्ष्य तय किया है, जिसमें से 21.34 लाख हेक्टेयर में बुवाई पूरी की जा चुकी है। सोयाबीन की बुवाई अब तक 1046.30 हेक्टेयर में हुई है
बाजार पर भी पड़ेगा असर
यदि तिलहन की फसल अच्छी होती है तो इसका असर बाजार पर भी पड़ेगा। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक इस साल तिलहन की बंपर पैदावार होने की उम्मीद की जा रही है और यदि बाजार का रुख सही रहा तो इससे किसान और व्यापारी दोनों को अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद की जा सकती है।
तिलहन के उत्पादन में राजस्थान का उत्तर प्रदेश के बाद दूसरा स्थान है। राजस्थान में रबी की तिलहन फसलों में सरसों, राई, तारामीरा व अलसी तथा खरीफ की तिलहन फसलों में मूंगफली, सोयाबीन, तिल व अरंडी प्रमुख हैं। इसमें तिल मुख्य रूप से पाली और नागौर में होता है तो मूंगफली बीकानेर में उपजाई जाती है। राजस्थान में सबसे अधिक सोयाबीन की खेती की जाती है और अरंडी उत्पादन में राजस्थान दूसरे नंबर पर है। आपको यह भी बता दें कि इस बार प्रदेश में कृषि विभाग ने 22.30 लाख हेक्टेयर एरिया में तिलहन फसलों की बुवाई का लक्ष्य तय किया है, जिसमें से 21.34 लाख हेक्टेयर में बुवाई पूरी की जा चुकी है। सोयाबीन की बुवाई अब तक 1046.30 हेक्टेयर में हुई है
बाजार पर भी पड़ेगा असर
यदि तिलहन की फसल अच्छी होती है तो इसका असर बाजार पर भी पड़ेगा। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक इस साल तिलहन की बंपर पैदावार होने की उम्मीद की जा रही है और यदि बाजार का रुख सही रहा तो इससे किसान और व्यापारी दोनों को अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद की जा सकती है।