मौसम विशेषज्ञों की मानें तो प्रशांत महासागर में तीन से पांच साल के बीच अल नीनो की स्थितियां पैदा होती है। इस साल मार्च के महीने में प्रशांत महासागर में अल नीनो का प्रभाव सामने आया है। लेकिन इस बार अल नीनो सामान्य से अधिक है। हालांकि विशेषज्ञ मान रहे हैं कि अल नीनो कमजोर हो रहा है, और जून तक इसका प्रभाव खत्म होगा। यही कारण है कि इस बार मानसून प्रभावित रहा।
तो समय से आ सकता है मानसून राजस्थान में की बात करें तो 22 जून तक मानसून की बांसवाड़ा, उदयपुर में दस्तक हो जाती है। 2016 में 22 जून को मानसून का गया था। साथ ही दिल्ली और जयपुर में मानसून आने का समय एक ही होता है। यहां 28 और 29 जून तक मानसून आ जाता है। लेकिन मौसम विशेषज्ञ इस बार दिल्ली में ही जुलाई के दूसरे सप्ताह में मानसून आने का समय बता रहे हैं। ऐसे में जयपुर को भी अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। हालांकि प्रदेश में इस बार एक जून से 20 जून के बीच ही प्री मानसून में 59 फीसदी अधिक बारिश हो हुई है। अब मानसून से इससे अधिक उम्मीद की जा रही है।
राजस्थान में कब-कब पहुंचा मानसून साल —— आगमन 2014 —– 3 जुलाई 2015 —– 24 जून 2016 —– 22 जून 2017 —– 27 जून 2018 —– 29 जून