सालाना 10 लाख रुपए का नुकसान हर साल निगम को करीब दस लाख रुपए का आर्थिक नुकसान हो रहा है। क्योंकि सालाना निगम में मीट की दुकानों को 1000 रुपए शुल्क जमा करना होता है। नगर निगम पशु प्रबंधन शाखा के सूत्रों की माने तो पिछले छह-सात माह से तो मीट के दुकान के लाइसेंस ही नहीं दिए गए, जबकि जयपुर में कई दुकानें अवैध रूप से खुली हैं।
ये होना चाहिए
-दुकान में शीशे लगे होने चाहिए, ताकि बाहर से किसी को मीट दिखाई न दे।
-अंदर साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
-जहां पर दुकान खुली है, वहां के लोगों को कोई आपत्ति नहीं हो।
-कचरा रखने के लिए भी पर्याप्त स्थान होना चाहिए। बाहर फेंकने पर कार्रवाई के भी नियम हैं। वर्जन…
—————— अभी मैंने चार्ज नहीं संभाला है, लेकिन जल्द ही अवैध रूप से चल रही मीटर की दुकानों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इनको नियमानुसार निगम में शुल्क भी जमा करना होगा और यदि आस-पास के लोगों को दुकान से कोई आपत्ति है तो उसको बंद भी कराएंगे।
-करतार सिंह, उपायुक्त पशु प्रबंधन शाखा, नगर निगम