जयपुर जिले में जब से लॉकडाउन हुआ तब जिला प्रशासन जरुरतमंदों को भोजन के पैकेट वितरित कर रहा है। इस काम को करते हुए जिला प्रशासन को डेढ़ माह का वक्त पूरा हो गया है। 23 मार्च को मात्र 1000-1200 फूड पैकेट्स के वितरण से शुरू हुआ यह सफर अब तक लाखों जरूरतमंदों को फूड पैकेट्स के वितरण के बाद भी लगाताक जारी है।
जिला जिला कलेक्टर डॉ. जोगाराम ने बताया कि कोविड-19 और इससे जुड़ी चुनौतियां जिला प्रशासन के लिए भी नई थीं, इनमें चिकित्सा व्यवस्थाा के साथ सबसे बड़ी चुनौती हर जरूरतमंद तक भोजन पहुंचाने की थी। पीडीएस और कच्ची राशन सामग्री वितरण के बावजूद जरूरतमंदों की मांग का आकलन कर तैयार खाना पहुंचाना सबसे जरुरी और चुनौतीपूर्ण काम था।
600 कार्मिकों को लगाया भोजन वितरण मुहिम में
जिला कलेक्टर ने बताया कि जिला प्रशासन, इंजीनियर्स, शिक्षा विभाग के अध्यापक, बूथ लेवल अधिकारी, सिविल डिफेंस के स्वयं सेवक सहित 600 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी 23 मार्च से बिना अवकाश सुबह 7 बजे से रात के 11 बजे तक जरूरतमंदों को भोजन पहुंचाने के काम में लगे हैं ताकि शहर में एक भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए। रामगंज और परकोटा क्षेत्र में लगातार ये कर्मचारी फूड पैकेट्स वितरित कर रहे हैं।
कंट्रोल रूम-वॉर रूम में आती है सूचना
शहर में किसे और कहां फूड पैकेट्स की जरूरत है, यह सूचना लगातार 24 घंटे जिला कलेक्ट्रेट के कंट्रोल रूम और वॉर रूम के नंबरों पर लगातार मिलती रहती है। इसके अलावा बूथ लेवल अधिकारियों ओर से भी लगाताक सर्वे किया जाता है। वॉर रूम और कंट्रोल रूम में सूचना मिलते ही तुरंत जरुरतमंदों तक भोजन पहुंचाया जाता है। भोजन की गुणवत्ता बेहतर रहे, इसके लिए बड़ी भोजनशालाओं में निरीक्षण सैम्पलिंग की जाती रही है।
यात्रियों-अस्पतालों के लिए भोजन व्यवस्था
जिला कलेक्टर जोगाराम ने बताया कि दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी राजस्थानी जो स्पेशल ट्रेनों के जरिए जयपुर पहुंच रहे हैं उन लोगों के लिए जिला प्रशासन भोजन की व्यवस्था कर रहा है। प्रवासी मजदूरों को जयपुर स्टेशन पहुंचने के बाद रोडवेज बसों के जरिए अलग-अलग शहरों में भेजा जा रहा है।