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जयपुर

खतरे में पुलिस का इकबाल…2.5 साल में 800 से भी ज्यादा हमले, 750 से भी ज्यादा पुलिसकर्मी घायल

प्रदेश पुलिस का इकबाल खतरे में है। हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।

जयपुरJul 12, 2018 / 01:03 pm

dharmendra singh

rajasthan police

खतरे में पुलिस का इकबाल…2.5 साल में 800 से भी ज्यादा हमले, 750 से भी ज्यादा पुलिसकर्मी घायल

इस साल 120 बार पिट चुकी है पुलिस

जयपुर
प्रदेश पुलिस का इकबाल खतरे में है। हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। ढाई साल के दौरान प्रदेश भर में पुलिस पर हमले के आठ सौ से भी ज्यादा मामले सामने आए हैं। चार पुलिसकर्मियों की तो हत्या तक कर दी गई है। इस साल भी स्थिति सुधरती नहीं दिख रही है। छह माह में ही पुलिस पर 120 से ज्यादा हमले हो चुके हैं। कहीं पर वारंटी को पकडऩे गई टीमों को घेरकर पीटा गया तो कहीं पर अपराधियों को छुड़ाने के लिए पुलिस टीमों पर हमले हुए हैं। अप्रेल में भारत बंद के दौरान पुलिस का इकबाल जमींदोज होता नजर आया था। पिछले कुछ महीनों में बजरी माफियाओं ने तो पुलिस का जीना मुहाल कर रखा है। आए दिन वो पुलिस और प्रशासनिक कार्मिकों को निशाने पर ले रहे हैं।
खनन माफियाओं के गुस्से का शिकार पुलिस

आंकड़े बयां कर रहे हैं कि बजरी खनन और परिवहन पर रोक लगने के कारण पुलिस की शामत आ गई है। साल के शुरुआती छह महीनों में ही पुलिस टीम पर हमले के एक सौ बीस से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, इनमें से अधिकतर मामलों में खनन माफियाओं के गुस्से का शिकार पुलिस हुई है। भारत बंद के दौरान प्रदेश में करीब चालीस जगहों पर पुलिस पर हमले के मामले सामने आए थे। पुलिस के अनुसार साल 2016 में पुलिस टीम पर हमले के 339, पिछले साल 347 और इस साल अब तक 120 मामले सामने आए हैं।
12 जिलों में हालात ज्यादा खराब

पुलिस अफसरों के अनुसार राजधानी जयपुर के अलावा जोधपुर, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, डूंगरपुर, चूरू, कोटा, झुंझुनूं समेत बारह ऐसे जिले हैं, जहां पर पुलिस टीम पर पच्चीस बार से भी ज्यादा हमले हो चुके हैं। प्रदेश पुलिस पर हुए आठ सौ से ज्यादा हमलों के दौरान साढ़े सात सौ से भी ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो चुके हैं।
तीन जिलों में गौ-तस्करों ने ढाई सौ बार फायरिंग की

अलवर, भरतपुर, धौलपुर में गौ-तस्करी भी बड़ी समस्या है। इन तीन जिलों में पिछले तीन साल के दौरान पुलिस और गौ तस्करों के बीच 256 बार से भी ज्यादा फायरिंग हो चुकी है। पिछले एक साल में तो पुलिस फायरिंग के दौरान ही तीन गौ-तस्कर मारे भी जा चुके हैं। उनकी मौत पर बवाल भी हो चुका है।
इन पुलिसकर्मियों और उनके साथियों की हो चुकी हत्या
— इसी साल मार्च में कोटपूतली में कांस्टेबल ख्यालीराम की हत्या कर दी गई।

— पिछले महीने नागौर में पुलिस के साथ चोर को पकडऩे गए चौथमल नाम के युवक की हत्या कर दी गई, दो पुलिसकर्मियों को भी गंभीर घायल कर दिया गया।
— इसी साल मई में जालोर के हैड कांस्टेबल सोनाराम की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई।
— अप्रेल 2016 में अलवर के टपूकड़ा के पास गौ-तस्करों ने एएसआई राजवीर की गाड़ी से कुचलकर हत्या कर डाली।
— पिछले साल दिसंबर में पाली में चेन्नई के इंस्पेक्टर पेरियां पांडिकर की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
— इसी साल अप्रेल में भारत बंद के दौरान जोधपुर में सब इंस्पेक्टर महेन्द्र चौधरी की हत्या कर दी गई।

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