The Kulish School: जगतपुरा स्थित द कुलिश स्कूल में रविवार को लाइफ क्राफ्ट वर्कशॉप आयोजित की गई। इसमें मॉक इंटरव्यूअर, एजुकेटर, मोटिवेटर विजेंदर सिंह चौहान और कोटामेंटर्स के फाउंडर एवं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर प्रिंस सिंह शामिल हुए। बच्चों के साथ बड़ी संख्या में अभिभावक भी पहुंचे और उन्होंने स्कूल में टेक लैब, क्रिएटिव लैब और टिंकरिंग लैब में जानकारी ली।
जयपुर•Mar 18, 2024 / 12:04 pm•
Akshita Deora
Life Craft Workshop: जगतपुरा स्थित द कुलिश स्कूल में रविवार को लाइफ क्राफ्ट वर्कशॉप आयोजित की गई। इसमें मॉक इंटरव्यूअर, एजुकेटर, मोटिवेटर विजेंदर सिंह चौहान और कोटामेंटर्स के फाउंडर एवं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर प्रिंस सिंह शामिल हुए। बच्चों के साथ बड़ी संख्या में अभिभावक भी पहुंचे और उन्होंने स्कूल में टेक लैब, क्रिएटिव लैब और टिंकरिंग लैब में जानकारी ली। स्कूल में टेक लैब, क्रिएटिव लैब और टिंकरिंग लैब में अभिभावकों के साथ बच्चों ने जानकारी ली। स्टेम लैब में एरो स्पेस, रोबोटिक्स आर्म मॉडल, ड्रोन टेक्नोलॉजी के अलावा इलेक्ट्रिक सर्किट के बारे में जाना। बच्चों ने क्रिएटिव लैब में थ्री डी प्रिंटिंग, एआइ आर्ट से पेंटिंग्स बनाना सीखा।
क्रिएटिविटी पर अधिक ध्यान देने की जरूरत
कोटामेंटर्स के फाउंडर एवं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर प्रिंस सिंह ने कहा कि बच्चों को ऐसी शिक्षा दी जाए, जिसमें बच्चों की इमोशनल इंटेलिजेंस मजबूत हो। इससे एआइ कभी भी उन पर हावी नहीं होगी। वर्तमान और भविष्य में एआइ के प्रभाव से बचना नामुमकिन है। तकनीक बच्चों के लिए बहुत जरूरी है, पर बच्चों को ट्रेनिंग की आवश्यकता है। बच्चों पर किसी भी तरह की पाबंदियां न लगाएं, उन्हें स्वतंत्र छोड़ दें। एकेडमिक की जगह क्रिएटिविटी पर अधिक ध्यान दें। बच्चों के सामने प्रैक्टिकल सवाल किए जाएं, जिससे बच्चों की बेसिक शिक्षा मजबूत होगी। वर्तमान में बच्चों और माता-पिता के बीच कम्युनिकेशन गैप बढ़ गया हैं। अगर आप बच्चे से कम्युनिकेशन करेंगे तो वे कभी फेल नहीं होंगे। बांधने की जगह उन्हें समस्याओं के समाधान के लिए उनके हाल पर छोड़ दें, ताकि वे आने वाले समय के लिए तैयार हो जाएं।
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