प्रदेश में बेरोज़गारी के मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए एक बार फिर राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने कमान संभाल ली है। डॉ मीणा ने विभिन्न सरकारी भर्तियों के स्थगित होने, रद्द होने या उनमें कथित भ्रष्टाचार होने के मामले को पुरजोर तरीके से उठाने की घोषणा कर दी है। इसके लिए उन्होंने सरकार को 7 दिन का अल्टीमेटम भी दिया है।
पुलिस को दी गई 7 दिन की ‘मोहलत’
बेरोजगार युवाओं के समर्थन में उतरे डॉ मीणा ने सरकारी भर्तियों में भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया है। उन्होंने पुलिस के आला अधिकारियों से चर्चा करते हुए भर्तियों से जुड़े सभी मामलों की निष्पक्षता से जांच करने और दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। इसपर पुलिस अधिकारियों ने राज्यसभा सांसद को सात दिन में उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
बेरोजगार युवाओं के समर्थन में उतरे डॉ मीणा ने सरकारी भर्तियों में भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया है। उन्होंने पुलिस के आला अधिकारियों से चर्चा करते हुए भर्तियों से जुड़े सभी मामलों की निष्पक्षता से जांच करने और दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। इसपर पुलिस अधिकारियों ने राज्यसभा सांसद को सात दिन में उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
‘मांगे मानों नहीं तो कमिश्नरेट में दूंगा धरना’
सांसद डॉ मीणा ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि 7 दिन के भीतर पुलिस द्वारा दिए गए आश्वासन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो वे जयपुर स्थित पुलिस कमिश्नरेट पर अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ धरने पर बैठ जायेंगे। धरना मांगे नहीं माने जाने तक बेमियादी रहेगा।
सांसद डॉ मीणा ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि 7 दिन के भीतर पुलिस द्वारा दिए गए आश्वासन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो वे जयपुर स्थित पुलिस कमिश्नरेट पर अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ धरने पर बैठ जायेंगे। धरना मांगे नहीं माने जाने तक बेमियादी रहेगा।
इन भर्ती मामलों को उठा रहे सांसद
डॉ मीणा उन सरकारी भर्तियों को उठा रहे हैं जो या तो किसी कारणवश रद्द कर दी गई हैं या फिर बार-बार स्थगित हो रही हैं। ये वो भर्तियाँ हैं जिसकी प्रदेश के हज़ारों बेरोजगार युवा बाट जोह रहे हैं। इनमें जेईएन पेपर लीक मामला, पटवारी परीक्षा मामला, राजस्थान स्टेट फार्मासिस्ट भर्ती लिखित परीक्षा और लाइब्रेरियन भर्ती परीक्षा में धांधली मामला प्रमुख रूप से उठाये जा रहे हैं।
डॉ मीणा उन सरकारी भर्तियों को उठा रहे हैं जो या तो किसी कारणवश रद्द कर दी गई हैं या फिर बार-बार स्थगित हो रही हैं। ये वो भर्तियाँ हैं जिसकी प्रदेश के हज़ारों बेरोजगार युवा बाट जोह रहे हैं। इनमें जेईएन पेपर लीक मामला, पटवारी परीक्षा मामला, राजस्थान स्टेट फार्मासिस्ट भर्ती लिखित परीक्षा और लाइब्रेरियन भर्ती परीक्षा में धांधली मामला प्रमुख रूप से उठाये जा रहे हैं।