जयपुर की मेहमान नवाजी बेमिसाल
अपने दो दिवसीय आवास पर जयपुर आए खन्ना ने जयपुर की मेहमान नवाजी की तारिफ की। खन्ना ने जयपुर की कला-संस्कृति की भी तारीफ की। उन्होंने बताया कि यहां के लोग खास है। उसमें सबसे ज्यादा आपस में प्यार है। खन्ना ने बताया कि महाभारत से पहले उन्होंने करीब 15 फिल्में की थीं, लेकिन कोई चली नहीं और कई रिलीज भी नहीं हुई। वह महाभारत में अर्जुन या कर्ण का किरदार निभाना चाहता थे। मुझे दुर्योधन का किरदार ऑफर हुआ था, लेकिन मैंने साफ मना कर दिया। मैंने कहा कि मैं निगेटिव रोल कर ही नहीं सकता। तब मुझे द्रोणाचार्य का किरदार मिलाए जो मैंने स्वीकार भी कर लिया लेकिन मेरी किस्मत में आयुष्मान भव कहना लिखा था।
अपने दो दिवसीय आवास पर जयपुर आए खन्ना ने जयपुर की मेहमान नवाजी की तारिफ की। खन्ना ने जयपुर की कला-संस्कृति की भी तारीफ की। उन्होंने बताया कि यहां के लोग खास है। उसमें सबसे ज्यादा आपस में प्यार है। खन्ना ने बताया कि महाभारत से पहले उन्होंने करीब 15 फिल्में की थीं, लेकिन कोई चली नहीं और कई रिलीज भी नहीं हुई। वह महाभारत में अर्जुन या कर्ण का किरदार निभाना चाहता थे। मुझे दुर्योधन का किरदार ऑफर हुआ था, लेकिन मैंने साफ मना कर दिया। मैंने कहा कि मैं निगेटिव रोल कर ही नहीं सकता। तब मुझे द्रोणाचार्य का किरदार मिलाए जो मैंने स्वीकार भी कर लिया लेकिन मेरी किस्मत में आयुष्मान भव कहना लिखा था।
पिता के रोल मिलने लगे
खन्ना ने बताया कि उन्हें शाहरुख खान , अक्षय कुमार से लेकर बॉबी देओल तक के पिता के रोल मिलने लगे। हद तो तब हो गई जब फिल्म यलगार में मैंने फिरोज खान साहब के पिता का रोल निभाया। ऐसा नहीं है कि मुझे काम नहीं मिलता, लेकिन मैं खुद इतना चूजी हो गया हूं कि पर्दे पर नजर नहीं आता। कोई अच्छा पॉजटिव रोल मिलेगा तभी काम करना चाहूंगा।
खन्ना ने बताया कि उन्हें शाहरुख खान , अक्षय कुमार से लेकर बॉबी देओल तक के पिता के रोल मिलने लगे। हद तो तब हो गई जब फिल्म यलगार में मैंने फिरोज खान साहब के पिता का रोल निभाया। ऐसा नहीं है कि मुझे काम नहीं मिलता, लेकिन मैं खुद इतना चूजी हो गया हूं कि पर्दे पर नजर नहीं आता। कोई अच्छा पॉजटिव रोल मिलेगा तभी काम करना चाहूंगा।
मैं खुद को लकी मानता हूं
कोई गब्बर के रूप में फेमस है तो कोई मोगैम्बो के रूप में, लेकिन मैं आज भी भीष्म पितामह और शक्तिमान दोनों ही किरदारों से पहचाना जाता हूं। बच्चे मुझे मिलते हैं तो कहते हैं घूमकर गायब होकर दिखाइए। वहीं कई बार मुझे मेरी उम्र से बड़े लोग आशीर्वाद देने के लिए कहते हैं।
कोई गब्बर के रूप में फेमस है तो कोई मोगैम्बो के रूप में, लेकिन मैं आज भी भीष्म पितामह और शक्तिमान दोनों ही किरदारों से पहचाना जाता हूं। बच्चे मुझे मिलते हैं तो कहते हैं घूमकर गायब होकर दिखाइए। वहीं कई बार मुझे मेरी उम्र से बड़े लोग आशीर्वाद देने के लिए कहते हैं।