की जाएगी प्री स्क्रीनिंग
हेल्थ चेकअप से पहले स्कूल स्तर पर टीचर हर बच्चे के स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग करेंगे और इस दौरान किसी भी संभावित स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त विद्यार्थी की जानकारी प्री फील्ड डेटाबेस में अंकित की जाएगी जिससे उन्हें अगले हेल्थ कैम्प में मेडिकल चैकअप और ट्रीटमेंट के लिए रेफर किया जाएगा। इतना ही नहीं स्क्रीनिंग के बाद चिह्नित बच्चों के अभिभावकों को बच्चे की समस्या के बारे में बताया जाएगा और उन्हें चिंरजीवी हेल्थ कैम्प में आने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस कार्य में संबंधित क्षेत्र की आशा सहयोगिनी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद ली जाएगी।
टीचर्स को दी जा रही है ट्रेनिंग
चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से संचालित की जा रही इस योजना के तहत स्कूल के शिक्षकों की मदद ली जाएगी। हर स्कूल से विज्ञान शिक्षक,शारीरिक शिक्षक के साथ पीईईओ को प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमें उन्हें बताया जा रहा है कि किस प्रकार वह बच्चों के स्वास्थ्य की जांच कर सकेंगे।
इन बीमारियों की होगी जांच
डाउनसिंड्रोम: मंदबुद्धि, सपाट चेहरा, छोटा सिर व गर्दन और छोटा कद व छोटी अंगुलियां और पैर, जीभ का बाहर रहना और जन्मजात ह्दय दोष।
कटे होंठ और कटे तालू
हिप का डवलपमेंटल डिस्पेसिया: दोनों पैरों की लंबाई असमान होना, कूल्हे की हड्डी का असमान होना व क्लिकिंग पॉपलिंग की आवाज आना।
खून की गंभीर कमी: कमजोरी, थकान, सिरदर्द, त्वचा का हल्का पीला होना, सांस में कठिनाई व चक्कर आना।
विटामिन ए की कमी: आंख व त्वचा का शुष्क होना, कोर्निया पर धब्बे होना, कम रोशनी में दिखाई ना देना, शारीरिक विकास का अवरूद्ध होना।
विटामिन डी की कमी: थकान, मांसपेशियों में दर्द, पैरों में टेड़ापन, मानसिक कमजोरी, छाती और स्कल का डिफामिटी, शारीरिक विकास का अवरूद्ध होना।
मध्य कर्ण शोध: कान में दर्द, कान का बहना, सुनाई कम देना, सिर घूमना।
दृष्टि दोष: सामान का दिखाई ना देना, धुंधला दिखाई देना, भेंगापन, आंख का लाल होना।
सुनने में परेशानी
ऑटिज्म: आंख ना मिलाना, कम बोलना, नाम के प्रति कोई प्रतिक्रिया ना होना, बार बार एक ही हरकत करना।
कुष्ठ रोग और क्लब फुट
त्वचा विकार: आसानी से शरीर पर दिखाई देना,खुजली होना, चिड़चिड़ा होना।
जन्मजात बहरापन
दांतों की बीमारी: दांतों में दर्द, मुंह से बदबू आना, मुंह खोलने पर बदरंग धब्बे नजर आना।
इनका कहना है,
सरकार की फ्लैगशिप योजना के तहत स्कूली विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। चिकित्सा विभाग सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को इस संबंध में ट्रेनिंग दे रहा है। बच्चों की प्री स्क्रीनिंग होगी और ऐसे बच्चे जो किसी स्वास्थ्य समस्या से ग्रसित हैं उनको इलाज के लिए रैफर किया जाएगा।
सुभाष यादव, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी,
जयपुर।