scriptमर्डर मिस्ट्री-मुंह, नाक व कान पर सुपरग्लू लगाकर की थी हत्या | Murder mystery - was killed by applying superglue on the mouth, nose a | Patrika News
जयपुर

मर्डर मिस्ट्री-मुंह, नाक व कान पर सुपरग्लू लगाकर की थी हत्या

10 साल पहले 10 साल के हर्षित को मां-बाप से छीन लिया था हत्यारों ने, आज भी घटना बताते सिहर उठते हैं, आखिर क्यों नहीं पकड़े गए हत्यारे

जयपुरDec 13, 2019 / 12:48 am

Abrar Ahmad

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जयपुर. चांदपोल बाजार स्थित जयलाल मुंशी के रास्ते में रहने वाले मुकेश सोनी की आंखों के सामने आज भी अपने 10 साल के बेटे हर्षित का चेहरा घूमता है। 10 साल पहले 10 दिसम्बर 2009 को उनके बेटे का अपहरण कर हत्या की गई थी। बेटे के हत्यारे आज भी औझल हैं। उस दिन स्कूल से लौटा हर्षित वैन से उतरकर घर के अंदर पहुंचा था, जहां से ही उसी समय उसका अपहरण कर लिया गया। हर्षित के मुंह, नाक, कान पर सुपर ग्लू चिपकाकर हत्या की गई और बोरे में शव रख निवाई के पास रेलवे लाइन पर रख दिया गया था। परिजन हर्षित को तलाश रहे थे, उधर रेलवे लाइन पर दो लोगों को बोरा रखते देख रेलवे के गेटमैन ने पुलिस को सूचना दी।
स्कूल की ड्रेस और बैल्ट से हुई थी पहचान

हर्षित के स्कूल की ड्रेस और बैल्ट से उसकी पहचान हुई थी। परिचित का हाथ होने की जताई थी आशंका पुलिस ने घर के अंदर से अपहरण होने पर हत्या के पीछे परिचित का हाथ होने की आशंका जताई थी। लेकिन 10 साल बाद भी पुलिस मामले का खुलासा नहीं कर सकी। पुलिस ने दो साल पहले हत्यारों के पकड़े नहीं जाने पर मामला बंद कर दिया था। लेकिन हर्षित के पिता मुकेश सोनी और उसकी मां, लगातार अपने बेटे के हत्यारों को पकडऩे के लिए पुलिस, मंत्रियों और मुख्यमंत्री के यहां गुहार लगा रहे थे। करीब सालभर पहले ही हर्षित हत्याकांड की फाइल रिओपन की गई है।
हत्यारे क्यों अब तक बेखौफ घूम रहे

पिता मुकेश सोनी ने बताया कि बेटे की हत्या करने वाले समाज में बेखौफ घूम रहे हैं। जब तक हत्यारे पकड़े नहीं जाते, तब तक वो न्याय की उम्मीद में भटकते रहेंगे।
१० अनुसंधान अधिकारियों की निगरानी, पर खाली हाथ

हर्षित का शव जिस बोरी में रखा गया, उसमें चीनी के दाने लगे हुए थे। उसी प्रकार की अन्य बोरी हर्षित के घर के एक कमरे से बरामद की गई। हर्षित के शव के साथ मिली स्कूल की बैल्ट में बकल नहीं था। पुलिस को बकल भी घर के अंदर ही मिला था। करीब 10 अनुसंधान अधिकारियों की जांच और कई अधिकारियों की निगरानी के बाद पुलिस के हाथ खाली हैं। वर्तमान में अनुसंधान अधिकारी धर्मेन्द्र सागर ने कहा कि मामले में अनुसंधान चल रहा है। कुछ दिन पहले हर्षित के दादा से संपर्क किया गया था। कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है।
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