-विकासकर्ता की ओर से सफल आवंटियों को यह तक नहीं बताया गया कि कितना पैसा कब और कहां जमा करना है?
-लाभार्थियों को भूखंड का साइज के बारे में भी जानकारी नहीं दी गई।
-कार्यालय के नाम पर 22 गोदाम स्थित कृष्णा कॉम्प्लेक्स का पता दिया गया, वहां कॉलोनी से संबंधित कुछ नहीं था।
-यहां से सफल आवंटियों को जेडीए भेजना शुरू कर दिया। जेडीए में ये लोग दो माह तक चक्कर लगाते रहे।
-बाद में वापस साइट ऑफिस पहुंचे तो इन आवंटियों में से ज्यादातर को पैसे जमा न करने की वजह से आवंटन निरस्त करने की बात कही।
26 जनवरी को कालवाड़ रोड स्थित ओम सरोवर आवासीय योजना में ईडब्लयूएस और एलआइजी के लिए 70 भूखंडों की विज्ञप्ति जारी की। 15 फरवरी आवेदन की अंतिम तिथि थी। 27 फरवरी को लॉटरी निकाली गई। इसमें 70 की जगह 69 लोगों के नाम जारी किए गए। जबकि, मौके पर जोन 12 के तहसीलदार, लेखाधिकारी और योजना सहायक थे। तीनों ने सफल आवंटियों की सूची पर हस्ताक्षर भी किए हैं।
-29 फरवरी को कुछ लोगों ने जब इसकी शिकायत की तो जेडीए ने जांच के लिए टीम का गठन कर दिया।
-26 मार्च को संसाधन विकास एवं समन्वय शाखा के संयुक्त आयुक्त ने जोन 12 को पत्र लिखकर जांच कर रिपोर्ट मांगी।
-सुनील शर्मा, जोन उपायुक्त