राष्ट्रीय पक्षी मोर का अस्तित्व संकट में, जहरीला दाना देकर मारे 23 मोर
वन विभाग को तस्करी की आशंका, इसलिए गिरफ्तार आरोपी का आज रिमांड मांगेगा विभाग
जयपुर
राष्ट्रीय पक्षी मोर का अस्तित्व संकट में नजर आ रहा है। तंत्र-मंत्र के लिए बलि चढ़ रहे इस खूबसूरत पक्षी के पंख व मांस की तस्करी के लिए इस पक्षी को मौत के घाट उतारा जा रहा है। ऐसा ही मामला बीकानेर में सामने आया है। जहां पर श्रीडूंगरगढ़ तहसील के सेरूणा गांव में जहरीला दाना डालकर 23 माेर को मारने वाले एक युवक को वन विभाग की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है और उसके खेत से 23 मोर के शव बरामद कर लिए है। जिसके बाद वन विभाग की टीम ने युवक दिनेश से मोरों के मारे जाने का कारण पूछा हैं। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसके खेत में उगी फसल को यह मोर काफी नुकसान पहुंचा रहे थे जिस कारण उसने इन्हें जहरीला दाना लेकर मौत के घाट उतार लिया। लेकिन वन विभाग की टीम को संदेह है कि गिरफ्तार वयक्ति मोरों की तस्करी करता हैं। क्योकि मोरों को मारने के बाद इसने शवों दफनाने या अन्य इधर उधर ठिकाने लगाने के बजाए इन्हें संभाल कर रखा हुआ था। ऐसे में आरोपी से बड़े स्तर पर तस्करी की वारदात का खुलासा होने का अंदेशा हैं। सहायक उप वन संरक्षक इकबालसिंह ने बताया कि अब गिरफ्तार आरोपी का आज कोर्ट से रिमांड मांगा जाएगा। जिसके बाद पूछताछ में इस वयक्ति के किसी तस्कर गिरोह में शामिल होने का खुलासा हो सकता हैं।
इसलिए मार रहे तस्कर मोर
वन विभाग का मानना है कि तंत्र-मंत्र,जादू-टोनों,सजावट के लिए, धार्मिक इमारतों की सजावट में लिए मोर के पंख काम आते हैं। वहीं मोर के मांस को खाने या बेचने के उद्देश्य से ताे मोराें का शिकार किया जाता है। पंखों की बढ़ती मांग के कारण जंगलों में मोर तस्कर सक्रिय हैं। वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि प्रदेश में रोजाना करीब 10 मोरों की हत्या हो रही है। क्योकि एक मोर में लगभग 150 पंख होते हैं। तस्करों से 500 रुपए प्रति सैकड़ा खरीदकर सौदागर आगे इन्हें ऊंचे दाम पर बेच रहे हैं।
वहीं प्रदेश में कई तस्कर तो ऐसे है जो मोरों का शिकार कर उनकी दवाएं बनाते हैं। शक्तिवर्धक दवा बनाने के लिए भी मोरों का शिकार किया जा रहा है।
गत माह अलवर में भी मिले थे मृत मोर
गत माह नवम्बर के अंत में अलवर जिले को कोटकासिम में करीब एक दर्जन मोर मृत मिले थे। वहीं 4 से 5 मोर अचेत अवस्था में मिले। इन्हें भी इसी तरह से जहरीला दाना खिलाकर मौत के घाट उतारा गया था। तो वहीं हाल ही में 15 दिसम्बर को बूंदी के बांसी क्षेत्र के डोडी गांव में ग्रामीणों ने शिकारियों से तीन मृत मोर बरामद किए। हालांकि शिकारी मौका पाकर भाग गए थे। ग्रामीणों ने खेतों में तीन शिकारियों को मोरों का शिकार करते देखा था।
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