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जयपुर

हाथी पर सवार होकर आएगी माता रानी, मुर्गा पर सवार होकर करेगी प्रस्थान, जानिए कैसा रहेगा अगला साल

navratri 2019 : शारदीय नवरात्रा प्रारंभ होने के पूर्व लोगों के दिलों में यह जिज्ञासा बनी रहती हैं कि मां दुर्गा अपने पूरे परिवार के साथ किस वाहन पर सवार होकर आएगी ओर किस वाहन से वापस लौटेंगी। ज्योतिषशास्त्र में मां दुर्गा के आगमन एवं प्रस्थान के वाहन से ही आगामी वर्ष के अच्छे बुरे फल का अंदाज लगाया जाता हैं।

जयपुरSep 20, 2019 / 09:54 pm

Devendra Singh

देवेन्द्र सिंह / डूंगरपुर। शारदीय नवरात्र ( shardiya navratra ) प्रारंभ होने के पूर्व लोगों के दिलों में यह जिज्ञासा बनी रहती हैं कि मां दुर्गा अपने पूरे परिवार के साथ किस वाहन पर सवार होकर आएगी ओर किस वाहन से वापस लौटेंगी। ज्योतिषशास्त्र में मां दुर्गा के आगमन एवं प्रस्थान के वाहन से ही आगामी वर्ष के अच्छे बुरे फल का अंदाज लगाया जाता हैं। इस बार शारदीय नवरात्र 29 सितंबर से शुरु हो रहे हैं और 8 अक्टूबर को विजय दशमी ( vijayadashami ) के दिन समाप्त होंगे। यानि इस बार नवरात्र पूरे दस दिन के होंगे। परम शक्ति मां दुर्गा ( maa durga ) की आराधना करने वाले साधकों के लिए नवरात्र ( navratra ) सर्वोत्तम समय माना जाता है। इसमें भी शारदीय नवरात्रा का सर्वाधिक महत्व है। देश के सभी हिस्सों में साधक इन नवरात्र में साधना करते हैं। यही नहीं विदेश में रहने वाले भारतीय मूल के लोग भी इस नवरात्र में व्रत रखते हैं।

भगवान राम ने भी की थी आराधना

शास्त्रों में उल्लेख है कि भगवान राम ने भी शारदीय नवरात्रा कर देवी को प्रसन्न कर विजय दशमी के दिन रावण का संहार किया था। श्रद्धा विश्वास से उर्जा और शक्ति की देवी दुर्गा की उपासना से आज भी भक्त शांति और आत्म बल प्राप्त करते हैं। शारदीय नवरात्रा प्रारंभ होने के पूर्व लोगों के मन में यह जिज्ञासा बनीं रहती हैं कि इस बार मां दुर्गा (maa durga ka vahan ) अपने पूरे परिवार के साथ किस वाहन पर सवार होकर आएगी ओर किस वाहन से प्रस्थान करेंगी। मां दुर्गा के आगमन व प्रस्थान से ही आगामी वर्ष में आम जनता और राजनीति में होने वाली उथल-पुथल देश में घटित होने वाली घटनाओं का फलादेश निकाला जा सकता हैं।
आगमन शुभ, प्रस्थान अशुभ

श्री शिव शक्तियोग पीठ नवगछिया के पीठाधीश्वर परमहंस स्वामी आगमानंद महाराज ने बताया इस बार शारदीय नवरात्र कलश स्थापना अश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा रविवार को होने के कारण शास्त्रों में मां दुर्गा का आगमन ” गज ” पर हो रहा है। जिसका फल होता “अच्छी बारिश है, विजय दशमी 8 अक्टूबर को हैं, इसके चलते मां दुर्गा अपने पूरे परिवार के साथ मुर्गा पर सवार होकर लौटेगी। जिसका फल होता हैं। जन मानस में विकलता। मां दुर्गा अपने पूरे परिवार के साथ ” गज ” (हाथी ) पर सवार होकर आ रही है, जो अच्छी बारिश का संकेत है। इससे किसानों में खुशहाली आएगी और देश में समृद्धि बढ़ेगी। वही प्रस्थान जन मानस में विकलता का संकेत है। कुल मिलाकर शारदीय नवरात्र असुर पर सुर, बुराई पर अच्छाई के विजय का प्रतीक नवरात्रा आत्म साधना का पर्व हैं।
वार से जुड़ा है मां के आगमन व प्रस्थान

आगमन – शारदीय नवरात्र से आगामी वर्ष प्रजा व शासक वर्ग के लिए कैसा होगा इसका फलादेश निकाला जाता है। नवरात्र में मां दुर्गा का आगमन एवं प्रस्थान ‘वार'( दिन ) से जुड़ी हुई है। पंडित मुकेश कुमार मिश्र ने बताया कि आगमन यानि घट स्थापना यदि रविवार या सोमवार को नवरात्र प्रारंभ होती हैं तो मां दुर्गा हाथी पर, शनिवार या मंगलवार को घोड़े पर, गुरुवार या शुक्रवार को डोला पर और बुधवार को प्रारंभ होने पर मां दुर्गा नौका पर सवार होकर आती हैं।
फल– गज (हाथी) पर आना पानी की बढ़ोतरी, घोड़ा पर आना युद्ध की आशंका, नौका पर आने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। डोली पर आने से आक्रांत रोग, मृत्यु का भय बना रहता हैं।
प्रस्थान – रविवार व सोमवार को विजयादशमी होती हैं तो मां दुर्गा भैंसा पर, शनिवार व मंगलवार को मुर्गा पर, बुधवार व शुक्रवार को गज पर ्रतथा गुरुवार को नर वाहन पर प्रस्थान करती हैं।
फल- यदि नवरात्र का समापन यानि विजय दशमी रविवार व सोमवार को होती हैं तो मां दुर्गा भैंसा पर, शनिवार व मंगलवार को मुर्गे पर, बुधवार व शक्रवार को गज पर और गुरुवार को नर वाहन पर सवार होकर प्रस्थान करती हैं। भैंसा पर प्रस्थान करना शोक का माहौल मुर्गा पर जन मानस में विकलता, गज पर शुभ वृष्टि, नरवाहन पर शुभ सौख्य होती हैं। इस बार मां दुर्गा अपने पूरे परिवार के साथ गज पर सवार होकर आएगी ओर मुर्गा पर सवार होकर लौटेगी। भक्त जन अपनी श्रद्धा, निष्ठा एवं भक्ति से माँ की आराधना करेंगे उनका कल्याण होगा।

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