एनबीएफसी का एनपीए बढ़कर 6.1 प्रतिशत पर पहुंचा
आरबीआइ: आइएलएंडएफएस मामले का असर
एनबीएफसी का एनपीए बढ़कर 6.1 प्रतिशत पर पहुंचा
नई दिल्ली. गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) क्षेत्र का सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति अनुपात 2017-18 में 5.3 से बढ़कर 2018-19 में 6.1 प्रतिशत पर पहुंच गया। गैर-बैंकिंग क्षेत्र की कई बड़ी कंपनियों द्वारा भुगतान दायित्वों को समय पर पूरा नहीं कर पाने की वजह से एनपीए बढ़ा है।
आइएलएंडएफएस के कर्ज भुगतान में असफल रहने की वजह से एनबीएफसी क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। आरबीआई ने बैंकिंग क्षेत्र की प्रवृत्ति एवं प्रगति 2018-19 रिपोर्ट में कहा कि जहां तक शुद्ध एनपीए अनुपात की बात है 2018-19 में यह मामूली बढ़कर 3.4 प्रतिशत रहा। एक साल पहले यह अनुपात 3.3 प्रतिशत पर था।
कृषि कर्ज माफी का भी असर: आरबीआइ द्वारा कृषि कर्ज की समीक्षा के लिए गठित आंतरिक कार्यकारी समूह के अनुसार उन राज्यों में एनपीए का स्तर बढ़ा है जहां 2017-18 और 2018-19 में कृषि कर्ज माफी की घोषणा की गई। औद्योगिक क्षेत्र में सकल एनपीए 17.4 फीसदी पर बना हुआ है। यह सितंबर 2019 के अंत में कुल फंसे कर्ज का दो तिहाई है। रिपोर्ट की मानें तो 2017-18 में 5 करोड़ रुपए और उससे अधिक के बड़े कर्जों का जीएनपीए में योगदान 91 फीसदी था।
Home / Jaipur / एनबीएफसी का एनपीए बढ़कर 6.1 प्रतिशत पर पहुंचा