अभी यहां ट्यूर एवं ट्रेवल कंपनी, इंश्योरेंस कंपनी, बैंक, इंस्टीट्यूट, रेस्टोरेंट, एटीएम, निजी आॅफिस हैं। लेकिन ज्यादातर दुकान, आॅफिस या तो बंद हैं या फिर कम समय के लिए खुलते हैं। इसके पीछे मुख्य कारण निर्धारित पार्किंग उपलब्ध नहीं होना भी वजह है। न तो पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था है और न ही पेयजल व अन्य आवश्यक सुविधाएं। यूडीएच अधिकारियों ने बताया कि यहां जिनकी दुकानें हैं, उन्हीं वहीं इमारत में दुकानें दी जाएंगी। निर्माण होने तक किराया देने का प्लान है।
-कोटा का गुमानपुरा मार्केट
-जयपुर में गोपालपुरा बायपास
(प्रदेश के अन्य शहरों में भी ऐसे भवन, इलाके चिन्हित किए जा रहे हैं) मुंबई की तर्ज पर
यह प्लान मुंबई की तर्ज पर तैयार किया गया है। मुंबई में भी सरकारी और गैर सरकारी भवनों को हटाकर रिडवलपमेंट किया जा रहा है। एक जगह तो बड़े इलाके का ही पुनर्विकास किया गया। इसमें आवासीय, व्यावसायिक दोनों तरह से विकास किया गया।
यह है रिडवलपमेंट प्लान
-शहरों में ऐसे इलाके और जमीन, जिसे और बेहतर तरीके से उपयोगी बनाया जा सके।
-इसके लिए मौजूदा भवन, इमारत को हटाकर नया निर्माण किया जाए। नया निर्माण के दौरान उस इलाके की लोगों की जरूरत, व्यावसायिक हित व अन्य जन सुविधाओं पर फोकस हो।
-इसके जरिए स्थानीय निकायों, विकास प्राधिकरण, यूआईटी को ज्यादा राजस्व कैसे मिले, इस पर भी फोकस होगा।
बैठक में नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा, स्थानीय निकास विभाग के जोगाराम, जेडीसी रवि जैन, आवासन मण्डल आयुक्त पवन अरोड़ा, सलाहकार टाउन प्लानिंग एच.एस. संचेती, निदेशक (आयोजना) विनय कुमार दलेला, अतिरिक्त मुख्य नगर नियोजक सुभाष चन्द्र शर्मा, आर.के तुलारा सहित अन्य अफसर शामिल हुए।