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जयपुर

खुद को जांचिए कैसे पड़ोसी हैं आप

रात-दिन और मुसीबत में सबसे पहले खड़ा होने वाला शख्स पड़ोसी ही होता है। फिर क्यों इस रिश्ते को नजरअंदाज किया जाता है। जानें पड़ोसी होने के नाते हमारी जिम्मेदारियां किस तरह की हैं।

जयपुरSep 14, 2019 / 04:23 pm

Chand Sheikh

खुद को जांचिए कैसे पड़ोसी हैं आप

खुद को जांचिए कैसे पड़ोसी हैं आप

मदद करते रहें उनकी
अपने पड़ोसियों की मदद करने का जज्बा आपमें होना चाहिए। उन्हें मुसीबत नहीं मददगार समझें। जानें आपके पड़ोसी किस तरह की परेशानी में हैं और उनकी मदद के लिए आगे आएं।

मुस्कुराकर करें संबोधन
आज हम इंटरनेट के जरिए दुनियाभर से जुड़े हैं लेकिन पड़ोसी से कटे हैं। पड़ोसी से आते जाते वक्त मुस्कुराकर संबोधन करें, बात करें और जब-जब संभव हो उससे मिलते-जुलते रहें।
उनके बारे में जरूर जानें
सोशल मीडिया पर हजारों दोस्त रखने वाले कई ऐसे लोग भी मिल जाएंगे जो पड़ोसियों का नाम भी नहीं जानते। पड़ोसी का नाम, परिवार व पेशा जानें। कॉलोनी में कब से रहते हैं जानकारी लें।
पालतू को संभालें
आपका पालतू जानवर पड़ोसियों के लिए परेशानी का सबब नहीं बनना चाहिए, इस बात का पूरा ध्यान रखें। डॉगी आदि की गंदगी न पार्क, रास्तों आदि पर हो और न किसी घर के सामने।
संदेह से न देखें
आधी-अधूरी जानकारी के आधार पर पड़ोसियों को संदेह से देखना या फिर उनके बारे में नकारात्मक सोच बना लेना गलत है। ध्यान रखिए वे आपके सम्मान और अच्छे व्यवहार के हकदार हैं।
सीमा जरूरी है
अच्छे पड़ोसी के लिए जरूरी है कि उन्हें अपनी स्पष्ट सीमाएं बनाई रखनी चाहिए। ये सीमाएं उनके मकान की भी हों और उनके व्यवहार की भी। सीमाएं पड़ोसियों के बीच टकराहट का कारण न बनें।
नजरअंदाज करें
पड़ोसी होने के नाते कई छोटे- मोटे मामले पड़ोसियों के बीच होते हैं। ऐसे में अच्छे पड़ोसी को चाहिए कि वे छोटी-छोटी बातों पर झगडऩे के बजाय इन बातों को नजरअंदाज करें।

निमंत्रण स्वीकार करें
आपके पड़ोसी के यहां कोई बर्थ डे पार्टी, पिकनिक या अन्य कोई कार्यक्रम है और आपको आमंत्रित किया गया है तो उनमें जरूर शामिल हों और उनको भी अपने यहां पर आमंत्रित करें।
पड़ोसी से शिष्टाचार
आप बॉस, मेहमान या अन्य रूप में शिष्ट रहने की पूरी कोशिश करते हैं तो पड़ोसी के रूप में शिष्ट बने रहना भी बेहद जरूरी है। प्लीज, सॉरी, थेंक्यू शब्द सुनने के हकदार आपके पड़ोसी नहीं है क्या?
सोशल मीडिया पर जुड़ाव
पहले पड़ोस में चौपालें होती थीं, जहां पड़ोसी एक-दूसरे के सुख-दुख बांटते थे। आज की चौपाल सोशल मीडिया है। फेसबुक, व्हाट्स एप आदि पर ग्रुप बनाकर आपस में जुड़ाव बनाए रखें।
कम्यूनिटी रूल
पड़ोसी को कम्यूनिटी रूल का पालन करना चाहिए। वह कोई ऐसा काम न करें जो पड़ोसियों के लिए परेशानी का कारण बने, चाहे कचरे का मामला हो, पानी का या फिर तेज आवाज में म्यूजिक का।
पड़ोसियों की सुरक्षा
पड़ोसी की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी एक पड़ोस की ही बनती है। इसलिए जरूरी है कि कॉलोनी के पड़ोसी मिलकर कॉलोनी के लिए एक सुरक्षा प्लान बनाएं, जो सबके लिए फायदेमंद हों। चाहे मामला स्पीड ब्रेकर बनाने का हो या और कुछ।

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