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जयपुर

राजस्थान की नौकरशाही में बदलाव, दो कलक्टरों का कार्यकाल मात्र 3 से 6 माह का रहा

राजस्थान की नौकरशाही में बदलाव। तबादला सूची में दो आइएएस दम्पतियों की लंबी छुट्टी पर जाने के चलते रिक्त हुए चार पद भी भरे गए।

जयपुरJul 05, 2022 / 05:01 pm

santosh

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राजस्थान की नौकरशाही में बदलाव में इस बार 2010 बैच की फील्ड पोस्टिंग प्रशासनिक हल्कों में चर्चित है। इस बैच के दो आइएएस कलक्टर के रूप में फील्ड पोस्टिंग में वापसी मानी जा रही है। दोनों को अहम जिले दिए गए हैं। 2010 बैच के प्रकाश राजपुरोहित और जितेंद्र सोनी को फिर से कलक्टर बनाया गया है। राजपुरोहित की यह छठी पोस्टिंग है। जयपुर में पोस्टिंग से पहले राजपुरोहित जोधपुर, अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा और हनुमानगढ़ में कलक्टर रह चुके हैं। वहीं जितेंद्र सोनी अलवर में नई पोस्टिंग से पहले जालौर, झालावाड़ और नागौर के कलक्टर रह चुके हैं।

तबादला सूची में दो आइएएस दम्पतियों की लंबी छुट्टी पर जाने के चलते रिक्त हुए चार पद भी भरे गए हैं। जयपुर कलक्टर राजन विशाल और बीआइपी कमिश्नर इंद्रजीत सिंह अध्ययन के लिए विदेश जा रहे हैं। राजन के साथ उनकी पत्नी रीको एमडी अर्चना सिंह और इंद्रजीत सिंह के साथ उनकी पत्नी नेहा गिरी भी जा रही हैं। नेहा अभी हथकरघा विकास निगम के एमडी पद पर थी। गिरी और इंद्रजीत सिंह भी 2010 बैच के हैं।

16 बैच की पहली कलक्टर पोस्टिंग: सोमवार को जारी हुई सूची में 2016 बैच की चर्चित आइएएस टीना डाबी को जैसलमेर कलक्टर बनाया गया है। वहीं डॉ. रविन्द्र गोस्वामी को बूंदी कलक्टर लगाया है। सूची में डाबी के पति प्रदीप गंवाडे को राज्य खान एवं खनिज विकास निगम उदयपुर का जिम्मा मिला है।

दो कलक्टरों का कार्यकाल मात्र 3 से 6 माह का रहा। अलवर में नन्नूमल पहाड़िया रिश्वत प्रकरण और राजगढ़ मंदिर प्रकरण के समय कलक्टर लगाए गए थे। नकाते शिवप्रसाद को तीन माह से पहले बदल दिया गया। वहीं जैसलमेर कलक्टर डॉ. प्रतिभा सिंह भी आइएएस प्रमोट होने के बाद पहली बार कलक्टर लगी थी। उन्हें साढ़े पांच माह तक कलक्टर रखा गया। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अलवर को क्रिटिकल जिला कह चुके हैं।

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