एसएमएस मेडिकल कॉलेज ने गत वर्ष हीप्टो पेनक्रियटो बिलेरी सर्जरी विभाग की स्थापना के लिए प्रशासनिक स्वीकृति दी थी। जिसके बाद अब यकृत अग्नाशय और पित्त की थैली की सर्जरी के लिए एसएमएस के ट्रोमा सेंटर के पास बने सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में पहली बार इस विभाग की शुरुआत भी कर दी गई। लेकिन विशेषज्ञ अभी तक एसएमएस अस्पताल को नहीं मिल पाए है। अब विभाग की शुरुआत होने के बाद इन पदों को अस्थाई तौर पर भरने के लिए एसएमएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ने आवेदन मांगे है।
राजस्थान लोक सेवा आयोग से मिलने थे डॉक्टर्स
हीप्टो पेनक्रियटो बिलेरी सर्जरी विभाग से जुड़े विशेषज्ञ डॉक्टर्स के पदों को राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से परीक्षा व साक्षात्कार के बाद भरा जाना है। लेकिन अभी तक आरपीएससी की ओर से इन पदों को भरने की प्रकिया को पूरा नहीं किया गया है। जिस कारण से विभाग को चलाने के लिए मेडिकल कॉलेज ने अस्थाई तौर पर विशेषज्ञों से आवेदन मांगे है।
सिर्फ तीन माह के लिए लगाए जाएंगे अस्थाई डॉक्टर्स !
बजट घोषणा को पूरा करने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने हीप्टो पेनक्रियटो बिलेरी सर्जरी विभाग शुरू करने के आदेश जारी किए थे। आदेश के अनुसार एसएमएस मेडिकल कॉलेज में इम्यूनोलॉजी और रुमेटोलॉजी विभाग,यूरोलॉजी विभाग और यूरो ऑन्कोलॉजी विभाग की स्थापना के लिए 10 नए पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई थी।
इन 10 पदों में से इम्यूनोलॉजी एवं रुमेटोलॉजी विभाग में एक आचार्य और एक सह आचार्य का पद सृजित किया गया था। इम्यूनोलॉजी एवं रुमेटोलॉजी विभाग के रिक्त पद पर भी अभी तक विशेषज्ञ नहीं मिला है। इसलिए यहां भी एक सहायक आचार्य अस्थाई तौर पर लगाया जाएगा।
वहीं हीप्टो पेनक्रियटो बिलेरी सर्जरी विभाग के लिए 2 सहायक आचार्य के पदों को अस्थाई तौर पर भरने के लिए आवेदन मांगे गए है। लेकिन अस्थाई सहायक आचार्य सिर्फ 3 माह के लिए ही शुरूआती तौर पर लगाए जाएंगे। वहीं मेडिकल कॉलेज प्रिंसीपल के अनुसार रिक्त पदों पर लगाए गए डॉक्टर को 3 माह या फिर आरपीएससी से नियमित चयनित अभ्यर्थी मिलने तक ही रखा जाएगा।