वन्यप्रेमियों के लिए ये है सरकार का नया प्लान
राजस्थान की धरा पेड़ों की रक्षा के लिए अपने प्राण तक न्योछावर करने के लिए जानी जाती है। यहां की जैव विविधता की धरोहर कितनी कीमती है, यह समझ में आने के बाद इसे बचाने के लिए सरकार ने कुछ नए इलाके अभयारण्य बनाने के लिए चिह्नित करना शुरू कर दिया है।
वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री सुखराम विश्नोई ने इस बारे में संकेत देते हुए बताया है कि प्रदेश में नये अभयारण्य क्षेत्रों के विकास की संभावनाओं को देखते हुए कार्य योजना तैयार की जा रही है। इनमें बूंदी का रामगढ़ विषधर अभयारण्य भी एक है। उन्होंने जैव संरक्षण के लिए सोरसन, बारां में शेरगढ़ अभयारण्य के विकास की बात भी कही।
पक्षियों की जान की भी परवाह
उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसे पक्षी पर्यावरण प्रदुषण के कारण जिनका जीवन खतरे में है उन्हे चिहिनत कर संरक्षण की योजना बनाई जा रही है। कैम्पा फण्ड का उपयोग अभयारण्यों के विकास एवं सुरक्षा के साथ ही जैव विविधता के सरंक्षण के लिए किया जायेगा।
पर्यटन की भरपूर संभावना
वन्यजीवों को लेकर लोगों में बढ़ती जागरूकता और उत्सुकता ने इस क्षेत्र में पर्यटन की संभावना को भी कई गुणा बढ़ाया है। इसी को देखते हुए मुकुंदरा की तर्ज पर बारां जिले में शेरगढ़ अभयारण्य में भी विकास की संभावना है और यहां पर क्लोजर बनवाकर वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए प्लान तैयार करने की सरकार की योजना है।
लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं
इस क्षेत्र में जहां विकास की भरपूर संभावना है, वहीं चुनौतियां भी कम नहीं है। अतिक्रमण और अवैध खनन के अलावा अवैध शिकार भी इस क्षेत्र में विकास को रोकने वाली प्रमुख बाधा है।