इंसानी रक्त के टी-सेल से कैंसर का खात्मा होगा संभव
कार्डिफ विश्वविद्यालय के शोध का दावा: खतरा भांपकर उसे समाप्त करने में जुट जाती हैं सेल
इंसानी रक्त के टी-सेल से कैंसर का खात्मा होगा संभव
लंदन.
कैंसर के इलाज में वैज्ञानिक नई-नई पद्धतियां खोजने में जुटे हैं। इसी कड़ी में एक शोध में दावा किया गया है कि एक नए प्रकार के टी-सेल (टी-कोशिकाएं) और रिसेप्टर के जरिए कैंसर का अधिक कारगर इलाज हो पाएगा। इंग्लैंड के वेल्स स्थित कार्डिफ विश्वविद्यालय की टीम ने प्रोस्टेट-स्तन, फेफड़ों अन्य कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करने के लिए शोध करने का दावा किया है। यह निष्कर्ष नेचर इयूनोलॉजी में प्रकाशित किया गया है। हालांकि अभी इसका परीक्षण कैंसर मरीजों पर नहीं किया गया है। शोधकर्ताओं को इंसान के रक्त में एक ऐसी टी-सेल मिली, जो शरीर के लिए खतरे को भांपकर उसे खत्म करने लिए काम करती है।
पहला चरण: कैंसर कोशिका की सतह पर नए टीसीआर का एमआर 1 के लिए प्रवेश कराया जाता है।
दूसरा चरण: टीसीआर टी-सेल का हमला करता है।
तीसरा चरण: कैंसर कोशिका खत्म कर टी-सेल अन्य कोशिका के खात्मे के लिए आजाद हो जाती हैं।
क्षमता बढ़ाने के बाद फिर से रोगी में डाला जाता है टी-सेल रिसेप्टर
शोधकर्ताओं के अनुसार, टी-सेल थेरेपी, जिनमें से सबसे आम रूप सीएआर-टी (किमेरिक एंटीजन रिसेप्टर-टी सेल) है। वैज्ञानिकों ने विशेष रूप से ट्यूमर कोशिकाओं की ओर उन्हें चलाने के लिए टी-सेल के प्राकृतिक कार्य को संवर्धित किया है। सीएआर-टी उपचार में, डॉक्टर मरीजों के खून से टी-कोशिकाओं को निकालते हैं। इसके बाद आनुवंशिक रूप से उन्हें प्रयोगशाला में इंजीनियरिंग करते हैं। इसे दोबारा से मरीज के शरीर में प्रवेश कराने से पहले इन सेल की क्षमता कई गुणा बढ़ा दी जाती है। सीएआर-टी थैरेपी सीमित कैंसर के इलाज में कारगर है,टी-सेल रिसेप्टर से कारण यह हर कैंसर का इलाज कर सकेगी।
एक तरह की श्वेत रक्त कोशिकाएं
यह सेल एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिकाएं होती हैं, जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य में शामिल होती हैं। इनमें न सिर्फ संक्रमण से बल्कि ये कैंसर से भी लड़ सकती हैं।
Home / Jaipur / इंसानी रक्त के टी-सेल से कैंसर का खात्मा होगा संभव