गहलोत ने कहा कि मेले एवं उत्सव हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं। ज्यादा से ज्यादा देसी एवं विदेशी पर्यटक इनसे जुड़ सकें इसके लिए इन्हें नया रूप दिया जाए। पुष्कर मेला, डेजर्ट फेस्टिवल, कुंभलगढ़, बूंदी उत्सव सहित अन्य मेलों एवं उत्सवों की नए सिरे से ब्रांडिंग की जाए। इनमें नई सोच के साथ एेसी गतिविधियों को शामिल करें जिनसे पर्यटक आकर्षित हों।
केवलादेव में जल समस्या का निकले हल मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से धार्मिक स्थलों के विकास की रूपरेखा तैयार करें। उन्होंने कहा कि भरतपुर के केवलादेव नेशनल पार्क में पानी की समस्या दूर करने के लिए स्थायी हल निकाला जाए।
लपकों की समस्या का हो समाधान गहलोत ने कहा कि पर्यटन स्थलों पर लपकों की समस्या के कारण सैलानियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है और ठगी की शिकायतें भी सामने आती हैं। इस समस्या के समाधान के लिए प्रभावी कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों पर साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखा जाए।
डोटासरा ने दिया वर्चुअल सेमिनार का सुझाव पर्यटन राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कोरोना के इस समय में वर्चुअल सेमिनार, मंदिरों के ऑनलाइन दर्शन जैसे नवाचार अपनाए जा सकते हैं। नई पर्यटन नीति का प्रारूप तैयार है। इसी माह के अंत तक इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
40 लाख को मिल रहा रोजगार पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव आलोक गुप्ता ने प्रस्तुतीकरण में बताया कि पर्यटन क्षेत्र से प्रदेश में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 40 लाख लोग जुड़े हुए हैं। इसका राज्य की जीडीपी में बड़ा योगदान है।