एक जनवरी को शुक्र-शनि
सूर्य लग्न भाव में रहेंगे। सूर्य भी भाग्येश होकर लग्न में बैठे हैं। जिसे हिंदू धर्म ग्रंथों में काफी शुभ संकेत माना है। इससे देश में समृद्धि आएगी। पंडितों का मानना है कि इस दिन शाकंभरी पूर्णिमा का होना अति शुभ फलदायी रहेगा। इसका असर पूरे वर्ष पर दिखाई देगा। शास्त्रों में वर्णित है कि शाकंभरी देवी मां दुर्गा का अवतार रूप हैं। प्राचीनकाल में जब धरती पर सूखे की स्थिति बनी थी, जब ऋषि-मुनियों की तपस्या से प्रसन्न होकर मां दुर्गा ने शाकंभरी के रूप में अवतार लिया था।
पूरे साल में 3 बार रवि पुष्य योग – इस बार नए साल में 22 अप्रैल, 20 मई और 17 जून को रवि पुष्य योग होंगे। वैदिक
ज्योतिष शास्त्र में २७ नक्षत्र हैं। इनमें 8वें स्थान पर पुष्य नक्षत्र आता है जो शुभ एवं कल्याणकारी है। इसे नक्षत्रों का सम्राट भी कहते हैं। जब यह नक्षत्र रविवार के दिन होता है तो इस नक्षत्र एवं वार के संयोग से रवि पुष्य योग बनता है।
नए साल में स्नान पर्व और दान—पुण्य का अच्छा दौर चलेगा। जनवरी में छह स्नान पर्व आ रहे हैं। इनमें 2 जनवरी मंगलवार पौष पूर्णिमा, 14-15 जनवरी रविवार, सोमवार मकर संक्रांति , 16 जनवरी मंगलवार मौनी अमावस्या, 22 जनवरी सोमवार वसंत पंचमी, 31 जनवरी बुधवार माघी पूर्णिमा स्नान पर्व रहेंगे।
पंचयोग राशियों पर असर- मेष: सफलता,समृद्धि
वृषभ: धनलाभ,स्वास्थ्य
मिथुन: पारिवारिकतकलीफ
कर्क: समृद्धि
सिंह: धनकी सुरक्षा करें
कन्या: धनलाभ
तुला: स्वास्थ्यका
ध्यान रखें
वृश्चिक: चिंता,पारिवारिक प्रगति
धनु: शत्रुभय
मकर: स्त्रीकष्ट
कुंभ: रोग,धनलाभ
मीन: व्यय की अधिकता।