31 मार्च तक सौंपनी होगी रिपोर्ट प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सदस्य सचिव उदयशंकर ने बताया कि राज्य प्रदूषण मंडल के अधिकारियों के मुताबिक औद्योगिक इकाइयां जुर्माना नहीं भरती है तो उनके बिजली और पानी का कनेक्शन काटे जाएंगे। एनजीटी ने नदी में प्रदूषण को लेकर राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष रहे झारखंड हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रकाश टाटिया के नेतृत्व में मॉनिटरिंग कमेटी बनाई है। कमेटी को पहली कार्यवाही रिपोर्ट 31 मार्च 2021 तक सौंपने का निर्देश दिए हैं। इसके अलावा राज्य के कृषि विभाग को निर्देश दिया है कि चंबल, काली सिंध, माही, पार्वती बांडी, चंबल, पिछोला, स्वरूप सागर, उदयसागर, बड़ी का तालाब, अजमेर में नक्की झील, जोधपुर में कायलाना झील सहित अन्य नदी के प्रदूषित पानी से किसानों और ग्रामीणों को हुए नुकसान का आंकलन किया जाएगा। एनजीटी की सख्ती से कपड़ा उद्योग में खलबली मची हुई है। उद्यमियों को 10 करोड़ रुपए जुटाने की चिंता शुरू हो गई है। ट्रस्ट किन इकाइयों से वसूल करेगा, यह भी तय नहीं है। कोरोना काल में कपड़ा उद्यमियों के सामने एक नया संकट खड़ा हो गया है।
इनको लिया जाएगा जांच के दायरे में
सदस्य सचिव उदयशंकर ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण मंडल टास्क फोर्स की टीम प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र की फैक्ट्रियों का निरीक्षण करेगी। अधिकारियों के मुताबिक जयपुर के आस-पास की 100 से अधिक फैक्ट्रियों की जांच सबसे पहले की जाएगी। इसके बाद पाली व भीलवाड़ा में जांच होगी। जल प्रदूषण की रोकथाम के लिए एनजीटी कोर्ट के निर्देशानुसार जल प्रदूषण से संबंधित शिकायत ईमेल आईडी पर की जा सकती है। सीईटीपी, एसटीपी के आउट लेट, इनलेट नदी में प्रदूषित पानी छोडऩे, स्कॉडा मीटर, अवैध इकाइयां एवं सार्वजनिक स्थानों, नालों, खाली प्लॉट आदि पर प्रदूषित पानी छोडऩे वालों के विरुद्ध उडऩदस्तें कार्रवाई करेंगे। ई-मेल एवं वॉट्सएप नंबरों पर मिलने वाली शिकायतों की जांच एवं कार्रवाई कर साप्ताहिक बैठक में रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।