किशनगढ़ थाना पुलिस की प्रारम्भिक पूछताछ में उत्तरप्रदेश के बरेली निवासी रितेश शर्मा ने बताया कि गोरखपुर निवासी युवक के साथ उसकी बहन की शादी हुई थी। इनके एक संतान लड़की है। बहन ने दूसरी शादी कर ली और बेटी को अपने पास रखे हुए है। उसने बताया कि बहन के पहले पति यानी पहले बहनोई ने उसे बच्ची को लाकर देने का अनुरोध यह कहते हुए किया कि वह उस बच्ची की अच्छी देखभाल नहीं करते हैं। इस पर वह अकेले ही करीब दो तीन दिन पहले यूपी से उदयपुर बहन के घर पहुंचा। इसके बाद उसने अंकित नाम के एक साथी और दो महिलाओं को भी मदद के लिए कार लेकर उदयपुर बुला लिया। उसका मित्र और दो महिलाएं कार लेकर उदयपुर के बताए ठिकाने पर शनिवार सुबह पहुंच गए। रितेश नाबालिग भान्जी (करीब 5 से 6 साल) को टॉफी दिलाने के बहाने और बहन और उसके दूसरे पति समेत परिवार के सदस्यों को बिना बताए स्कूटी पर बैठाकर घर से रवाना हो गया। बीच रास्ते में उसने अंकित और दोनों महिलाओं को कार लेकर बुला लिया। वह सभी जने बच्ची को लेकर यूपी के लिए रवाना हो गए। बच्ची के नहीं मिलने और अचानक रितेश के भी लापता होने पर परिवार के सदस्यों को शंका हुई।
उन्होंने गोवर्धन थाने में अपहरण का मामला दर्ज करा दिया। किशनगढ़ थाना पुलिस ने मिली सूचना के अनुरूप शाम करीब 5 बजे जीवीके टोल नाके पर नाकाबंदी लगा दी। सूचना के अनुरूप पुलिस को कार में सवार तीन चार जने और बालिका नजर आई। पूछताछ में रितेश ने पूरी कहानी प्रारम्भिक पूछताछ में ही पुलिस के समक्ष बयां कर दी। पुलिस ने रितेश, अंकित एवं दो महिलाओं के साथ बच्ची के मिलने की सूचना उदयपुर की गोरर्धन थाना पुलिस को दे दी। सूचना पाकर गोवर्धन विलास पुलिस स्टेशन की टीम किशनगढ़ के लिए रवाना हो गई। उक्त जानकारी रितेश ने पुलिस को प्रारम्भिक पूछताछ में दी है, वस्तुस्थिति का खुलासा गोवर्धन विलास पुलिस स्टेशन टीम के किशनगढ़ पहुंचने पर ही हो सकेगा।