पुलिस थानों से दस गुना ज्यादा है प्रत्याशियों की संंख्या
चुनाव प्रचार में लोकल पुलिस को भारी मशक्कत करनी पडेगी। दरअसल जयपुर शहर में चार पुलिस जिलों में साठ पुलिस थाने हैं और हर थाने में औसतन चालीस से पैंतालीस पुलिसकर्मियों का स्टाफ है। ऐसे में नामाकंन के बाद जयपुर शहर में करीब छह सौ से भी ज्यादा प्रत्याशी मैदान में हैं। नामाकंन भरने के दौरान ही अधिकतर ने कोरोना गाइड लाइन का पालन नहीं किया ऐसे में अब चुनाव प्रचार के दौरान कोरोना गाइड लाइन का पालन कराने मे परेशानी होना तय है। सभी थानाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी सूरत में प्रचार के दौरान कोरोना गाइड लाइन का पालन कराया जाए।
चुनाव प्रचार में लोकल पुलिस को भारी मशक्कत करनी पडेगी। दरअसल जयपुर शहर में चार पुलिस जिलों में साठ पुलिस थाने हैं और हर थाने में औसतन चालीस से पैंतालीस पुलिसकर्मियों का स्टाफ है। ऐसे में नामाकंन के बाद जयपुर शहर में करीब छह सौ से भी ज्यादा प्रत्याशी मैदान में हैं। नामाकंन भरने के दौरान ही अधिकतर ने कोरोना गाइड लाइन का पालन नहीं किया ऐसे में अब चुनाव प्रचार के दौरान कोरोना गाइड लाइन का पालन कराने मे परेशानी होना तय है। सभी थानाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी सूरत में प्रचार के दौरान कोरोना गाइड लाइन का पालन कराया जाए।
सभाओं और रैली पर है पूरी तरह से प्रतिबंध
नामाकंन के साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों के लिए गाइड लाइन जारी कर दी। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि कोई भी प्रत्याशी किसी भी सूरत में न तो सभा करेगा और न ही किसी तरह की रैली निकालेगा। फिर चाहे वह पैदल समर्थक हों या फिर वाहनों का काफिला। ऐसा करते पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। साथ ही घर—घर प्रचार के दौरान पांच से ज्यादा लोग शामिल नहीं होंगे। इससे ज्यादा होने पर पुलिस कार्रवाई कर सकती है। जिस वाहन में प्रत्याशी होंगे उस वाहन में भी तीन से चार व्यक्ति ही होंगे। उससे ज्यादा की अनुमति नहीं दी गई है। नियमों की सख्ती से पालना कराने की जिम्मेदार जयपुर पुलिस की है। गौरतलब है कि जयपुर में पिछले एक महीने के दौरान औसतन हर दिन चार सौ कोरोना संक्रमित मरीज आ रहे हैं।