नींदड़ में आंदोलन कर रहे किसानों का कहना है कि जेडीए और राज्य सरकार के रवैये के कारण किसानों की होली काली हो गई है। पूरे देश के लोग त्योहार मना रहे हैं, लेकिन नींदड़ के किसानों को अपने हक के लिए जमीन समाधि सत्याग्रह करना पड़ रहा है। जेडीए और सरकार के रवैये का विरोध जताने के लिए किसान धुलंडी के दिन रंग नहीं खेलेंगे। इस बार नींदड़ के किसानों की होली बेरंग रहेगी। नींदड़ किसान आंदोलन के अगुवा नगेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि आज सुबह 81 किसान जमीन समाधि लेकर बैठे हुए हैं। आज शाम तक 10 और किसान जमीन समाधि लेंगे। उनके लिए समाधि खोदने की कवायद चल रही है। आज शाम तक 91 किसान जमीन समाधि सत्याग्रह में शामिल हो जाएंगे। कल महिला दिवस के मौके पर 81 महिला किसानों ने जमीन समाधि लेकर जेडीए और राज्य सरकार के प्रति अपना विरोध प्रकट किया। किसानों ने बताया कि जयपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारी कई बार वार्ता कर चुके हैं, लेकिन किसानों की मांगों पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। जब भी किसानों का जमीन समाधि सत्याग्रह शुरू होता है, जेडीए के अधिकारी और नेता वार्ता के लिए आ जाते हैं। वार्ता के दौरान कई बार वादे किए जा चुके हैं, लेकिन ना तो जेडीए ने अपना वादा निभाया है और ना ही राज्य सरकार ने।