गडकरी ने लोकार्पण-शिलान्यास के साथ ही अगले वर्ष के लिए 50 हजार करोड़ के 22 प्रोजेक्ट्स शुरू किये जाने की भी घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि नए वर्ष में 50 हज़ार करोड़ की लागत से तीन हज़ार किलोमीटर के प्रोजेक्ट्स शुरू किये जाने की योजना है। इसके लिए डीपीआर तैयार करवाई जा रही है। गडकरी ने इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अपील करते हुए कहा कि यदि राज्य सरकार का सहयोग रहा तो ये सभी प्रोजेक्ट भी जल्द पूरे होंगे। उन्होंने कहा कि सांसदों की अनुशंसा पर भी विभिन्न परियोजनाओं पर काम होगा।
गडकरी ने जयपुर रिंग रोड परियोजना का विशेष रूप से ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि ये प्रोजेक्ट कई कारणों से अटका रहा और इसके पूरा होने में विलम्ब हुआ। गडकरी ने जयपुर रिंग रोड के निर्माण को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री युनुस खान की भूमिका की भी प्रशंसा की।
गडकरी ने प्रदेश में बेहतर सड़क तंत्र को ट्यूरिज्म बढाने और रोज़गार सृजन करने सबसे महत्वपूर्ण कारण बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत से गुजरात की तर्ज पर राजस्थान में भी ‘सी प्लेन’ सेवा शुरू करने का सुझाव दिया।
गडकरी ने विभिन्न परियोजनाओं में राज्य सरकार के अधीन आने वाले कार्यों का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के दायरे में आने वाली भूमि विवादों और अधिग्रहण के सम्बन्ध में राज्य सरकार किसानों की बात सुने और पालिसी बनाकर मुआवजा तय करे। मंत्रालय से इसके लिए हरसंभव सहयोग रहेगा।
केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने एक लाख करोड़ की लागत से बन रहे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाइवे में भी सरकार के सहयोग के लिए मुख्यमंत्री से अपील की। उन्होंने कहा कि ये प्रोजेक्ट राजस्थान के विकास के लिए महत्वपूर्ण होगा।
जोधपुर संभाग की मांगों के लिए गडकरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को दिल्ली आने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जोधपुर के प्रोजेक्ट्स में कुछ अडचनें हैं, जिनपर विशेषज्ञों के साथ चर्चा कर दूर करने के प्रयास किये जायेंगे। वहीं मुख्यमंत्री से उन्होंने हर दो महीने में दिल्ली आकर एनएचएआइ अधिकारियों के साथ विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर चर्चा करने का भी सुझाव दिया।
गडकरी ने कहा कि वे राजस्थान में सड़क विकास के लिए सक्रीय और गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में राजनीतिक भेदभाव नहीं होने का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है। देश भर के टोल नाकों को पूरी तरह से समाप्त करने के निर्णय का ज़िक्र करते हुए उन्होंने साफ़ किया कि टोल वसूली रद्द नहीं होगी, बल्कि उसे वाहनों में लगे जीएपीएस सिस्टम के ज़रिये वसूल किया जाएगा।
गडकरी ने कहा कि सड़क परियोजनाओं में यूटिलिटी शिफ्टिंग होने के कार्य भी किये जाने हैं, इसपर ढाई सौ करोड़ रूपए की लागत आने की संभावना जताई गई है। उन्होंने इसमें राज्य से सहयोग की अपील करते हुए मुख्यमंत्री से स्टील और सीमेंट पर जीएसटी छूट दिए जाने का निवेदन किया। इसके बदले सरकार से कोई रोयल्टी नहीं लेने का आश्वासन भी दिया।