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जयपुर

विकलांगता नहीं अभिशाप,स्पेन में भारत का झंड़ा लहराएंगे पिंकसिटी के दो होनहार

सेरेब्रल पाल्सी वर्ल्ड कप के लिए देशभर से हुआ नौ का चयन, इनमें से तीन राजस्थान के

जयपुरJun 06, 2018 / 12:27 pm

HIMANSHU SHARMA

No curse of disability, India's flag to be flagged in Spain

Polio drug, strike, may come in crisis, its children’s lives

जयपुर
विकलांगता एक ऐसी परिस्थिति है जिससे चाह कर भी कोई पीछा नहीं छुड़ा सकता है। जऱा सोचिए उन लोगों के बारे में जिनका खुद का शरीर ही विकलांगता के कारण उनका साथ छोड़ देता है, लेकिन फिर भी जीना कैसे है कोई इनसे सीखे, कई लोग ऐसे है जिन्होंने विकलांगता जैसी कमज़ोरी को अपनी ताकत बनाया है। इन्हीं लोगों में अपनी पहचान बनाई है जयपुर के दो होनहार एथलीट चन्दन वर्मा और रोहित जैन ने जो शारीरिक रूप से असक्षम होते हुए भी दिव्यांग होने के बावजूद भी अपने हौसलों और इरादों से के चलते भारत का झंडा स्पेन में लहराने जा रहे है। अगस्त में स्पेन में आयोजित होने वाले सेरेब्रल पाल्सी वर्ल्ड कप प्रतियोगिता में भाग लेने जा रहे हैं। देश से चयनित हुए नौ विशेष खिलाडि़यों में से रााजधानी जयपुर के दो खिलाडी चन्दन वर्मा, रोहित जैन, और जोधपुर की जीत कंवर का चयन किया गया है। जहां चंदन 100 और 200 मीटर दौड़ में भाग लेगा, रोहित डिस्कस थ्रो में और जीत कंवर 100 मीटर दौड़ और लॉन्ग जम्प में हिस्सा लेने जा रही है।
जन्म से ही बीमारी से पीडि़त
सेरेब्रल पाल्सी वर्ल्ड गेम एथलेटिक में भाग ले रहे चन्दन वर्मा जन्म से ही सेरेबल पालसी बीमारी से पीडि़त है। यह एक इसी बीमारी है जिसके कारण बच्चें का शारीरिक विकास और मानसिक विकास पूरा नही हो पाता हैं। बीमारी के चलते चन्दन का बचपन 5 साल तक बेड पर गुजरा। लेकिन चंदन ने हिम्मत नहीं हारी और फिर धीरे धीरे डॉक्टर्स के इलाज से शरीर का सक्षम बनाने का प्रयास किया गया। शरीर सक्षम तो बना लेकिन अभी भी चंदन ठीक तरह से न चल सकता और न ही बोल सकता है। लेकिन अपने जज्बे और जूनून के साथ चंदन ने खेल जगत में अपनी पहचान बनाते सेरेब्रल पाल्सी वर्ल्ड कप गेम में इंडिया टीम में अपना स्थान बनाया है। इतना ही नही चन्दन ने अब तक जिला, राज्य और नेशनल खेल प्रतियोगिताओ में 5 गोल्ड और 7 सिल्वर मेडल ही हासिल किए है।
डाइप्लेजिया से पीडि़त है रोहित

वहीं इंडिया टीम में चयनित हुआ जयपुर का दूसरा खिलाडी रोहित जैन भी कोई कम परेशानियों से निकल नहीं गया। रोहित भी डाइप्लेजिया नामक बीमारी से पीडि़त है। जिसके कारण रोहित के शरीर का नीचे का हिस्सा काम नही करता है। लेकिन रोहित ने कभी अपनी हार नही मानी। रोहित ने पहली बार में ही जब राजस्थान टीम की और से नेशनल प्रतियोगिता में भाग लिया तो पहली बार में ही गोल्ड मेडल हासिल कर अपना हौंसला बढ़ाया और विश्वकप में जगह बनाई।

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