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जयपुर

दवाओं की किल्लत है ही नहीं, फिर भी पेंशनर्स को दवा से इनकार

– एसएमएस के सहकारी उपभोक्ता भंडारों पर पेंशनर्स हो रहे परेशान, उपभोक्ता दवा स्टोर पर पेंशनर्स को आधी ाी नहीं मिल रही पर्ची पर लिखी दवाएं

जयपुरApr 21, 2018 / 01:29 pm

Vikas Jain

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जयपुर। राजधानी के सरकारी अस्प्तालों में पेंशनर्स को दवा उपलब्ध कराने वाले सहकारी उपभोक्ता भंडारों पर दवाओं की भारी किल्लत बताकर पेंशनर्स को अधिकांश दवाएं बिना दिए ही लौटाया जा रहा है। हैरत की बात यह है कि कई पेंशनर्स की पर्ची पर लिखी दवाओं में से 70 से 80 फीसदी दवाओं के लिए एनओसी देकर उन्हें सीधे अस्पताल के बाहर निजी दवा केन्द्रों पर भेजा जा रहा है। इस तरह की सर्वाधिक परेशानी पेंशनर्स को सवाई मानसिंह अस्पताल के उपभोक्ता भंडारों पर सामने आ रही है।
वहीं इस मामले में राजस्थान पत्रिका ने कॉनफेड के अधिकारियों से पूछताछ की तो उन्होंने किल्लत से साफ इनकार कर दिया। उनका कहना था कि मार्च के बाद दवाओं के भौतिक सत्यापन की वजह से दवाअेां के लिए मना किया जा रहा होगा। पेंशनर्स स्टोर पर दवाएं पूरी नहीं मिलने के कारण मरीजों को भारी परेशानी हो रही है। खासतौर पर उन पेंशनर्स को जो कि मासिक तौर पर दवा लेने के लिए राजधानी से ही नहीं, बल्कि प्रदेश भर से आते हैं।
समस्या यह भी है कि सवाई मानसिंह अस्पताल में मिलनी वाली दवाएं आसानी से प्रदेश के अन्य स्टोर्स पर पेंशनर्स को मिलती ही नहीं है।एनओसी से निजी की मौजएक तरफ पेंशनर्स को उपभोक्ता भंडार से पूरी दवा दिए बिना ही वापस लौटाया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर इस अवांछित किल्लत से एसएमएस के आस पास निजी दुकानों की मौज हो गई है। उपभोक्ता भंडार से एनओसी लेकर पेंशनर निजी दुकान पर जा रहे हैं, वहां पैसे देकर दवाएं ले रहे हैं। फिर पेंशनर्स इसे सरकार के पास पुर्नभरण के लिए भेज रहा है। यानि, इस अवांछित किल्लत से निजी दुकानों की पूरी मौज हो गई है।आखिर कब तक भौतिक सत्यापनहजारों पेंशनर्स की परेशानी से जुड़े इस मामले में बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि मार्च के बाद 20 दिन मे भी भौतिक सत्यापन पूरा नहीं होने की कीमत आखिर पेंशनर्स से क्यों वसूली की जा रही है। पेंशनर्स लंबी कतार में लगने के बाद जब सुनते हैं कि दस में से दो दवा भी नहीं मिलेगी तो उनका परेशान होना स्वाभाविक नजर आ रहा है।
इन्हें बताई किल्लत

एसएमएस उपभोक्ता भंडार पर जयपुर के बाहर से आए एक पेंशनर्स प्रतिनिधि ने बताया कि वे पांच दिन पहले यहां दवा लेने आए थे। उन्हें हर महीने यहां आकर दवा लेनी होती है। लेकिन उन्हें 70 फीसदी दवाओं की अनुपलब्धता बता दी गई। यह कहा गया कि कुछ दिन में दवाएं आ जाएगी। उन्होंने एनओसी लेकर बाहर से पांच दिन की दवाएं ले ली। लेकिन आज तक भी उन्हें सभी दवाएं उपलब्ध नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें भंडार पर भौतिक सत्यपन कारण नहीं बताकर किल्लत ही बताई गई।वर्जनउपभोक्ता भंडारों पर दवाओं की कोई किल्लत नहीं है। इस समय मार्च अंत के बाद भौतिक सत्यापन का काम चल रहा है, इसलिए मना किया जा रहा होगा। वैसे, में इस पूरे मामले का पता करवाता हूं।रायसिंह मोजावत, प्रबंध निदेशक, कॉनफेड

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