Coal crisis: राजस्थान में नहीं होगी कोयल की कमी
राजस्थान के थर्मल तापीय विद्युत गृहों के लिए ( thermal power plants ) कोयले की कमी नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए राजस्थान को उपलब्ध रेल व रोड किसी भी मोड से कोयले की अधिक से अधिक रैक मंगवाने की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। केन्द्रीय कोयला सचिव अनिल जैन ( Union Coal Secretary ) ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले के भावों में तेजी के चलते आयातित कोयला अधिक महंगा होने से आयातित कोयला आधारित इकाइयों में कोयले की मांग में बढ़ोतरी हो गई है।
Coal crisis: राजस्थान में नहीं होगी कोयल की कमी
जयपुर। राजस्थान के थर्मल तापीय विद्युत गृहों के लिए कोयले की कमी नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए राजस्थान को उपलब्ध रेल व रोड किसी भी मोड से कोयले की अधिक से अधिक रैक मंगवाने की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। केन्द्रीय कोयला सचिव अनिल जैन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले के भावों में तेजी के चलते आयातित कोयला अधिक महंगा होने से आयातित कोयला आधारित इकाइयों में कोयले की मांग में बढ़ोतरी हो गई है। इससे उनकी मांग बढऩे से स्थानीय कोयला खानों पर दबाव बढ़ा है। देश में अभी कोयले का संकट खत्म नहीं हुआ है ऐसे में जहां से भी और जिस माध्यम से भी कोयला उपलब्ध हो, तापीय विद्युत गृहों में भण्डारित कर लिया जाए, ताकि कोयले की आसन्न कमी से विद्युत उत्पादन प्रभावित ना हो सके।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, माइंस एवं एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने प्रभावी तरीके से राज्य का पक्ष रखते हुए कहा कि राज्य के तापीय विद्युत गृहों के लिए कम से कम 20 दिन के कोयला के अग्रिम भण्डारण की आवश्यकता को देखते हुए आपूर्ति सुनिश्चित करवाई जाए। वर्तमान मेें राज्य के पास औसत सात दिन का स्टॉक भण्डारित हो रहा है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य में लिग्नाइट के विपुल भण्डार है। उन्होंने नेवेली लिग्नाइट से राज्य सरकार के सम़क्ष ठोस प्रस्ताव लाने का सुझाव दिया, ताकि प्रदेश में संयुक्त आधार पर विद्युत उत्पादन की संभावनाओं को और अधिक बढ़ाया जा सके। परसा ईस्ट एवं कांता बेसिन के दूसरे चरण की 1136 हैक्टेयर की केन्द्र सरकार से शीघ्र क्लीयरेंस दिलाई जाए, ताकि कोयले का खनन कर तापीय विद्युत गृहों के लिए कोयले की आपूर्ति बढ़ाई जा सके। उन्होंने कोल ब्लॉक की उत्पादन क्षमता को भी 40 प्रतिशत बढ़ाने की स्वीकृति दिलाने का आग्रह किया। परसा ब्लाम्क की पिछले दिनों केन्द्र सरकार के वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से क्लीयरेंस मिल गई है। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार से भी क्लीयरेंस दिलाने में सहयोग करने को कहा।
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