राजस्थान में 9 कलस्टर परियोजनाओं को मंजूरी
राजस्थान में औद्योगिक विकास को तेजी प्रदान करते हुए अब कलस्टर अप्रोच अपनाई जा रही है। राज्य कलस्टर विकास योजना में हस्तकला और उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए नौ नए कलस्टर को मंजूरी दी गई है। इनमें चित्तौडग़ढ़ जिले के गंगरार में चर्म नागरा जूती कलस्टर विकास पर 96 लाख 47 हजार रुपए खर्च किए जाएंगे।
new clusters for industrial development
अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया है कि अजमेर कोटा लूम क्लस्टर की सीएफसी में नवंबर माह के अंत तक मशीनरी स्थापित कर दी जाएगी। वहीं, केंद्र सरकार की एमएसएम सीडीपी योजना में रीको के औद्योगिक क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाओं के विस्तार के लिए 9 कलस्टर परियोजनाओं का अनुमोदन किया गया है।
हस्त कला को ई-मार्केटिंग सपोर्ट
सरकार के इस कदम के जरिए परंपरागत रूप से नागरा जूती का काम करने वाले आर्टिजनों और नागरा जूती की निर्माण कला से नए लोगों को जोडऩे, इसके लिए बाजार विकसित करने, ई-मार्केटिंग जैसी सपोर्ट सुविधा और कौशल विकास के साथ ही विदेशों में भी इनके निर्यात की संभावनाएं तलाशने और निर्यात सहायता की कलस्टर एप्रोच से विकास किया जाएगा।
बनाए जाएंगे स्वयं सहायता समूह
मुक्तानंद अग्रवाल ने बताया कि गंगरार नागरा जूती कलस्टर में इस कला से जुड़े लोगों के स्वयं सहायता समूह बनाने, नियमित प्रशिक्षण, कौशल उन्नयन, डिजाइन व नवीनतम तकनीक विकास प्रशिक्षण, क्रेता-विक्रेता सम्मेलन से सहयोग दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बैठक में नागरा जूती कलस्टर को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
यहां मिली नौ कलस्टर को मंजूरी
उन्होंने बताया कि रीको के केकड़ी अजमेर, बोरानाडा जोधपुर, फालना पाली, ओडेला धौलपुर, मंडोर जोधपुर, बारां के साथ ही रेनवाल जयपुर, निंबाहेड़ा और भीनमाल पाली परियोजनाओं का अनुमोदन किया गया।
पूरी हो चुकी योजना का होगा मूल्यांकन
डॉ. सुबोध अग्रवाल ने राज्य में चल रही कलस्टर विकास परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि पूरी हो चुकी कलस्टर परियोजनाओं का भी मूल्यांकन और उसकी इंपेक्ट स्टडी करवाई जानी चाहिए।
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