उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को बदनाम करने के लिए कुपवाड़ा के शहीदों को शहादत को काफी बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। जबकि सुकमा के शहीदों की कोई बात ही नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि शहादत का जितना हक कुपवाड़ा में शहीदों को मिल रहा है, उतना ही हक सुकमा के शहीद हुए सैनिकों को भी मिलना चाहिए।
फारुख अब्दुल्ला ने पत्थरबाजों का किया समर्थन, कहा- अपने देश के लिए लड़ रहे है
बता दें कि कुपवाड़ा में आतंकियों ने एक सैन्य शिविर पर हमला कर दिया था, जिसमें एक कैप्टन सहित तीन जवान शहीद हो गए और पांच सैनिक घायल हो गए। जवाबी कार्रवाई में दो आतंकी मारे गए थे। जबकि सोमवार को छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हो गए थे।
अलगाववादियों के समर्थन में बोले फारूक अब्दुल्ला, कहा – बंदूक की गोलियों से कुछ हासिल नहीं होगा अब्दुल्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में शहीद हुए 25 जवानों पर चर्चा नहीं हो रही, जबकि कुपवाड़ा में तीन जवानों की शहादत पर काफी चर्चा हो रही है। ये सब मुस्मिलों के खिलाफ नफरत फैलाने के लिए किया जा रहा है। इस देश पर जितना हक हिंदुओं का है, उतना ही हक मुस्लिमों का भी है। गौरतलब है कि हाल ही में फारूख अब्दुल्ला ने कहा था कि कश्मीर के पत्थरबाज युवक घाटी के टूरिज्म के लिए अपनी जान नहीं दे रहे हैं, वे कश्मीर की समस्या का हल चाहते हैं।