एक सेंटर से 72 निर्वाचन क्षेत्रों तक मतदान की सुविधा रहेगी। आयोग ने इसके लिए ईवीएम में सुधार कर नई प्रोटोटाइप रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरईवीएम) बनाई है। आयोग 16 जनवरी को सभी दलों के सामने रिमोट वोटिंग सिस्टम का प्रजेंटेशन देगा। राजनीतिक दलों की सहमति और कानूनी संशोधनों के बाद यह पहल हकीकत बन सकती है।
आयोग के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनाव में 67.4% मतदान हुआ था। लाख कोशिशों के बावजूद 30 करोड़ से अधिक मतदाता मतदान से दूर रहे। पता चला कि घर नहीं लौट पाने के कारण वे वोट नहीं डाल सके। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि इस पहल से मतदान बढ़ सकता है। 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक देश में 45.36 करोड़ घरेलू प्रवासी हैं। इसमें से 85 प्रतिशत राज्य के भीतर ही प्रवासी हैं।
तकनीकी
चुनावों में ईवीएम का पहला प्रयोग 1982 में केरल में किया गया। मध्य प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान में 1998 में पहली बार सीमित प्रयोग हुआ। 2001 से विधानसभा चुनावों और 2004 से लोकसभा चुनावों में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे मतदान व मतगणना आसान हुई है