दरअसल, पर्ची के माध्यम से विधायक नारायण देवल ने यह मामला उठाया था। इस पर चिकित्सा मंत्री सराफ ने कई अन्य सवाल भी उठाने की बात कही। इस पर आसन पर मौजूद सभापति घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि आपकी योग्यता को देखते हुए पूछा है। इस बीच डोटासरा तपाक से बोल पड़े। उन्होंने सराफ की तरफ देखते हुए कहा कि आपकी योग्यता नहीं बल्कि ‘विवेक’ को देखते हुए पूछा है। यह सुनते ही सराफ बिफर पड़े और कहा कि यह गलत है, बेवकूफी है। बार-बार यही बात दोहराई जाती है। इस पर यूडीएच मंत्री कृपलानी ने भी आपत्ति जताते हुए कहा कि यह अच्छी बात नहीं है। सराफ जब भी बोलते हैं तो इस तरह की हरकत की जाती है।
फिर जमीन तक पहुंचा मामला सराफ बिफरे तो उन्होंने डोटासरा के पुत्र पर गलत तरीके से जमीनों का करोबार करने का आरोप लगा दिया। फिर कहा कि लक्ष्मणगढ़ में सुविधा क्षेत्र की जमीन कांग्रेस कार्यालय बना दिया गया। जब मामले पर बहस बढ़ने लगी तो डोटासरा ने कहा कि मेरा पुत्र जमीन का काम करता ही नहीं है और चाहें तो सुविधा क्षेत्र की जमीन पर कार्यालय खोलने की जांच करा लें। इसके बाद सराफ ने भी कह दिया कि आप भी चाहों तो मेरे खिलाफ जांच करवा लो।
3 बार दोहराया डिलीट करो सराफ ने ‘विवेक’ शब्द से जुड़े वक्तव्य को डिलीट करने की बात को करीब 3 बार दोहराई, लेकिन सभापति की गतरफ से इसके निर्देश कोई नहीं दिए गए। सदन में यह चर्चा का विषय बना रहा।