जयपुर

Amit Shah की घोषणा के बाद क्या Rajasthan में लागू होगा NRC? जाने क्या कहते हैं सीएम Ashok Gehlot

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ( Amit Shah ) की ओर से पूरे देश में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस एक्ट ( NRC ) लागू किए जाने के घोषणा के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) का बयान आया है।

जयपुरNov 21, 2019 / 03:28 pm

Nakul Devarshi

जयपुर।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ( Amit Shah ) की ओर से पूरे देश में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस एक्ट ( NRC ) लागू किए जाने के घोषणा के बाद अब सभी की नज़रें इस ओर टिक गई हैं कि क्या केंद्र सरकार की इस कवायद में राजस्थान सहित अन्य कांग्रेस शासित राज्य सहयोग करेंगे?

… तो राजस्थान में नहीं लागू होगा एनआरसी!
राजस्थान में एनआरसी लागू होने को लेकर संशय बना हुआ है। दरअसल, एनआरसी के समबन्ध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) पहले ही अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार पर एनआरसी के राजनीतिकरण का आरोप लगाया था। वहीं प्रदेश भाजपा एनआरसी लागू करने को लेकर पुरज़ोर तरीके से मांग उठाने की तैयारी में है।

गृह मंत्री अमित शाह की ओर से देशभर में एनआरसी लागू किये जाने की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान आया है। गुरुवार को इस सम्बन्ध में मीडिया के सवाल पर जवाब देते हुए कहा, ‘भारत सर्व धर्म संभाव वाला देश है, केंद्र की एनआरसी फेल हो गई है।’

‘एनआरसी का हो रहा राजनीतिकरण’
सीएम अशोक गहलोत मीडिया को इस सम्बन्ध में पहले ही अपनी तीखी प्रतिक्रिया दे चुके हैं। केंद्र की मोदी सरकार को घेरते हुए उन्होंने इस मुद्दे पर राजनीतिकरण का आरोप लगाया था। सीएम गहलोत ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से असम में एनआरसी की सूची जारी होने पर कहा था कि जिनके पूर्वजों ने आजादी की लड़ाई में देश के लिए शहादत दी, उनके बेटे और पोते के नाम सर्वे लिस्ट में नहीं हैं, ऐसे लोगों को भी यह साबित करना पड़ रहा है कि वह देश के नागरिक हैं। उन्होंने कहा था कि यह बहुत सेंसेटिव मामला है और इसमें सरकार को किसी तरह का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।

प्रदेश बीजेपी कर रही एनआरसी लागू करने की मांग
राजस्थान सहित कांग्रेस शासित प्रदेश सरकारों की प्रतिक्रियाओं से साफ़ संकेत मिलते हैं कि इन राज्यों में एनआरसी लागू करने में केंद्र को परेशानी झेलनी पड़ सकती है। इसका उदाहरण पश्चिम बंगाल जैसे गैर भाजपाई राज्यों में भी देखने को मिल चुका है। इधर, प्रदेश भाजपा राजस्थान में एनआरसी लागू करवाने के पक्ष में अपनी आवाज़ बुलंद करवाने की तैयारी में है।

हाल ही में भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने गृह मंत्री को पत्र लिखकर असम की तरह राजस्थान में भी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस एक्ट (एनआरसी) लागू करने का आग्रह किया। उन्होंने कोटा, जयपुर, उदयपुर, जोधपुर सहित कई जिलों में बांग्लादेशी घुसपेठियों की अवैध बस्तियां होने का हवाला भी दिया।

देवनानी ने पत्र में लिखा कि अजमेर में दरगाह पर आने वाले ज़ायरीनों के साथ बांग्लादेशी घुसपैठिये भी प्रवेश कर जाते हैं। यह होटलों और दुकानों पर अपनी पहचान छुपाकर मजदूरी करते रहते हैं।

देवनानी ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में अवैध कब्जे कर मकान बना लिए गए हैं। फर्जी दस्तावेजों से सरकारी आधार कार्ड, राशन कार्ड, यहां तक कि मतदाता पहचान पत्र भी तैयार करवा लिए गए हैं। पुलिस कार्रवाई में भी यह पूरी तरह पकड़ में नहीं आते है। शहर में लूट, डकैती, चोरी और अन्य घटनाओं में बांग्लादेशी घुसपेठियों की संलिप्तता रहती है। नशे का कारोबार भी बढ़ रहा है। ऐसे में एनआरसी एक्ट लागू कर इन्हें अजमेर सहित समूचे राजस्थान से बाहर निकालने की कार्रवाई करनी चाहिए।

पकड़ में आते रहे हैं बांग्लादेशी

राजस्थान में विभिन्न कार्रवाइयों में बांग्लादेशी नागरिक पकड़ में आते रहे हैं। हाल ही में 13 बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध रूप से जयपुर का निवासी बन जाने का खुलासा हुआ था। मामला उजागर होने के बाद से कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोपण का सिलसिला शुरू हो गया था।

विधानसभा में भी उठ चुका है मुद्दा

प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों का मुद्दा समय-समय पर विधानसभा में भी उठ चुका है। सवालों के जवाब में सत्तासीन सरकारें भी इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और कोई ठोस हल निकालने का आश्वासन देती रहीं है। लेकिन धरातल पर इस दिशा में कोई बड़ी सकारात्मक पहल नहीं हुई है।

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