गौरतलब है कि भाजपा ने निजता के हनन का मामला उठाते हुए कहा था कि राजस्थान सरकार ने फोन टैपिंग की गाइडलाइन की पालन नहीं किया है। गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय मंत्री का नाम आने के बाद से ‘ऊपर’ से मिले निर्देश पर सभी तथ्यों की अपने स्तर से पड़ताल की जा रही है। जानकारों की मानें तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के रवैये से केंद्र सरकार को लग रहा है कि कई अन्य लोगों की बातचीत की टैपिंग कराई गई हो सकती है।
गहलोत ने मोदी-शाह जोड़ी पर भी लगाए हैं आरोप गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के एक बयान पर पलटवार करते हुए कहा था कि भाजपा में मोदी और शाह के आगे कोई नहीं है। भाजपा ने छह साल के शासन में देश के लोकतांत्रिक, जातीय और सामाजिक ताने-बाने को तोड़ दिया है। क्या हम जानते हैं कि भाजपा में मोदी-शाह से आगे कोई नहीं है? यह चौंकाने वाला है कि तीन-चार मंत्रियों के अलावा जनता को यह भी नहीं पता है कि मोदी के मंत्रिमंडल में सभी कौन हैं?
… इधर, भाजपा के परिवाद की जांच एफएसएल रिपोर्ट के बाद भारतीय जनता पार्टी की ओर से शुक्रवार रात को अशोक नगर थाने में दर्ज कराए गए परिवाद की जांच अभी शुरू नहीं की गई है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, एसओजी-एसीबी में दर्ज हॉर्स ट्रेडिंग से जुड़े मामले में सोशल मीडिया पर वायरल हुई ऑडियो रिकॉडिंग की एफएसएल जांच में गलत साबित होने पर भाजपा का परिवाद पर अनुसंधान किया जाएगा।
दरअसल, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने शुक्रवार रात को अशोक नगर थाने में परिवाद दिया था। इसमें बताया था कि मुख्यमंत्री निवास से ऑडियो रिकॉर्डिंग जारी कर भाजपा और भाजपा नेताओं और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर बेबुनियाद कूटरचित ऑडियो के जरिए फर्जी आरोप लगाए गए हैं, जिससे भाजपा की मानहानि हुई है।
वॉइस सैंपल लेने के लिए कोर्ट का सहारा लेगी एसओजी विधायकों की खरीद फरोख्त के मामले की जांच कर स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की टीम हर कदम में सावधानी बरत रही है। इसके लिए एसआईटी का गठन किया गया हैं। इस मामले में गिरफ्तार हो चुके अशोक सिंह, भरत मालानी और दूसरी एफआईआर में बिचौलिए संजय जैन को गिरफ्तार करने से लेकर अन्य नेताओं की वॉइस सैंपल लेने के लिए एसओजी कोर्ट का सहारा लेगी। एसओजी ने संजय जैन को शनिवार को अदालत में पेश कर चार दिन के रिमांड पर लिया हैं। पुलिस अब संजय जैन से पूछताछ करके ऑडियो रिकार्डिंग के बारे में जानकारी जुटाएगी।
एसआईटी का गठन राजस्थान में हाई प्रोफाइल जुड़े हॉर्स ट्रेडिंग मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। एसआईटी का प्रभारी सीआईडी के एसपी आइपीएस विकास शर्मा को नियुक्त किया है। इनके सहयोग के लिए एटीएस एएसपी धर्मेंद्र यादव, सीआईडी एएसपी जगदीश व्यास, जोधपुर कमिश्नरेट की सहायक पुलिस आयुक्त कमल सिंह, एटीएस उपअधीक्षक मनीष शर्मा, सीआईडी निरीक्षक कैलाश जिंदल, एटीएस निरीक्षक सुमन कविया और रमेश पारीक को दल में शामिल किया है। इन अधिकारियों को कहा गया है कि इस प्रकरण का अनुसंधान कर अभियुक्तों की गिरफ्तारी तय करें।