सरकार ने इस योजना का अनुमोदन आचार संहिता लगने से 2 दिन पहले कर दिया था। इसके बाद योजना के प्रारूप के साथ इसी सप्ताह अपेक्स बैंक (दी राजस्थान राज्य सहकारी बैंक) तथा सभी जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों को इसे लागू करने का निर्देश दिया है। अकृषि ऋण इसी वर्ष लागू की गई ऋण माफी योजना 2019 में शामिल नहीं किए गए थे। ये वे ऋण हैं जो किसान कृषि उपकरण या अन्य किसी कार्य के लिए लेते हैं। इनके लिए ओटीएस योजना लागू की गई है। इसमें वे किसान शामिल हैं जो अपना कर्ज तय समय में पूरा नहीं कर पाए या जिन्हें बैंक ने डिफाल्टर घोषित कर दिया था।
ऐसे किसान बकाया का 25 प्रतिशत जमा कराने के साथ इस योजना में आवेदन कर सकता है। यह योजना जून 2019 तक जारी रहेगी। इसमें वे ऋण शामिल किए जाएंगे जो 31 मार्च 2015 को अवधि पार हो गए तथा उसके बाद नियमित नहीं हुए। ऐसे मामलों में वसूली के निर्धारण का प्रारूप भी योजना में है। इसके तहत आंकी गई रकम का 25 प्रतिशत जमा कराने के साथ किसान योजना के तहत आवेदन कर सकता है। इसके बाद बची रकम 2 किस्त में जमा करानी होगी।
ये नहीं होंगे शामिल
गबन व दुरुपयोग मानते हुए जिनमें सहकार अनिधियम के तहत कार्रवाई की गई हो। सहकारी बैंक कर्मचारी व बैंक निदेशकों के नाम लिए ऋण या जिनमें ये कर्मचारी गारंटर रहे हैं।
आचार संहिता से पूर्व अनुमोदन
सरकार ने दावा किया है कि योजना का अनुमोदन 6 मार्च को संयुक्त शासन सचिव (सहकारिता) नारायण सिंह ने कर दिया था। इसे सभी बैंकों को 19 मार्च को अतिरिक्त रजिस्ट्रार (बैंकिंग) भोमाराम की ओर से भेजा गया है।