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जयपुर

राजस्थान में किसानों को रूला रही है प्याज

राजस्थान में किसानों को रूला रही है प्याज

जयपुरMar 22, 2018 / 09:00 pm

Ashish Sharma

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सब्जी में तड़का लगा स्वाद बढ़ाने वाली प्याज इन दिनों किसानों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। बाजार में लागत से कम मूल्य मिलने से प्याज किसानों को रूलाने लगी है। किसानों की माने तो उन्हें इन दिनों मंडियों में प्याज का लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। किसान प्रतिनिधियों के मुताबिक मंडियों में प्याज 3 से 5 रुपए किलो में खरीदी जा रही है जबकि एक किलो प्याज उगाने में किसान को 8 रुपए खर्च करने पड़ते हैं। यानि किसान को लागत से आधी कीमत ही मंडियों में मिल रही है। जबकि बाजार में प्याज इन दिनों 10 से 12 रुपए किलो में बिक रही है।
ऐसे में किसान सरकार से मांग कर रहे हैं कि प्याज की सरकारी खरीद की जाए ताकि किसान को लागत मूल्य मिल सके और पहले से ही कर्ज में डूबे किसानों पर कर्ज का बोझ बढ़े नहीं। अखिल भारतीय किसान सभा सरकार से मांग कर रही है कि सरकार 10 रुपए प्रति किलों के हिसाब से प्याज की सरकारी खरीद करके राशन के जरिए लोगों को प्याज का वितरण करें। आपको बता दें कि महाराष्ट्र के नासिक के बाद राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र में सर्वाधिक प्याज का उत्पादन होता है। प्याज के उत्पादन में राजस्थान का देशभर में दूसरा स्थान है।
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महाराष्ट्र के बाद राजस्थान का नंबर
आपको बता दें कि भारत में महाराष्ट्र में प्याज़ की खेती सबसे ज्यादा होती है। इसके बाद राजस्थान के शेखावटी एरिया का नंबर आता है। साल मे दो बार प्याज़ की फ़सल होती है। एक नवम्बर में और दूसरी मई के महीने में। भारत से नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, इत्यादि कई देशों में निर्यात होता रहा है। प्याज़ की फ़सल कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल मध्य प्रदेश जैसी जगहों पर अलग-अलग समय पर तैयार होती है। विश्व में प्याज 1,789 हजार हेक्टर क्षेत्रफल में उगाई जाती हैं, जिससे 25,387 हजार मी. टन उत्पादन होता है। भारत में इसे कुल 287 हजार हेक्टर क्षेत्रफल में उगाये जाने पर 2450 हजार टन उत्पादन प्राप्त होता है। महाराष्ट्र, उड़ीसा, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु तथा गुजरात आदि प्रदेशों में अधिकता से उगाया जाता है।

किसानों की मांग सरकार खरीदे प्याज
आपको बता दें कि प्याज की आसमान छूती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने पिछले साल नवंबर में देश से प्याज के एक्सपोर्ट के लिए 850 डॉलर प्रति टन का मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस तय किया था। इससे भी बाजार में प्याज के दाम नीचे आ गए हैं। अखिल भारतीय किसान सभा से जुड़े युवा किसान नेता सत्यजीत भीचर का कहना है कि सरकार की उदासीनता के चलते प्याज़ उत्पादक किसान बर्बाद हो रहे हैं। पूर्व विधायक और किसान नेता पेमाराम कहते हैं कि प्याज़ की लागत 8 रुपए आ रही है। इसके बावजूद इन दिनों सरकार और मंडियां किसान का प्याज़ 3 से 5 रुपए किलो में ही खरीद रही हैं। ऐसे में मुनाफा छोड़ किसान को उपज की लागत भी नहीं मिल रही है। प्रदेश के किसान मांग कर रहे हैं कि सरकार को अन्य राज्यों की तर्ज पर बाजार हस्तक्षेप प्रणाली के तहत न्यूनतम 10 रुपए प्रतिकिलो प्याज़ खरीदना चाहिए।
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