नवंबर तक जिस चुनाव प्रक्रिया को पूरा करना था वह आधा दिसंबर बीत जाने के बाद भी पूरी नहीं हो पाई है। अब तक 52 हजार बूथों में से 41 हजार बूथ, 1049 मंडलों में से 582 मंडलों में चुनाव हुए है। अभी तक 467 मंडलों में चुनाव प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। इसका सबसे बड़ा कारण है जिलों में स्थानीय नेताओं के बीच आपसी गुटबाजी और खींचतान है।
जयपुर में भी हाल खराब जयपुर शहर और देहात के एक भी मंडल अध्यक्ष का चयन नहीं हो पाया है। शहर और देहात के विधायक, पूर्व विधायक और प्रदेश के पदाधिकारियों के दखल की वजह से इन मंडलों के चुनावों को रोक लिया गया है। जिले के चुनावों की प्रकिया को शुरू हो चुकी है। इसके बाद प्रदेषाध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा।
नहीं बन पा रही है सहमति मंडलों में अध्यक्ष के लिए कई लोगों ने नामांकन भरे हैं। पार्टी चाहती है कि सभी जगहों पर आपसी सहमति से चयन किया जाए। मगर कई जगहों पर विधायकों और स्थानीय नेताओं के बीच तनातनी हो गई, जिसकी वजह से मामला अटका पड़ा है।