राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघ चालक डॉ रमेशचंद्र अग्रवाल ने 9 से 11 मार्च तक नागपुर में हुई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक की जानकारी दी। अग्रवाल ने बताया कि साल में एक बार होने वाली संघ की प्रतिनिधि सभा में इस बार 11 क्षेत्र व 43 प्रान्तों से 1538 अपेक्षित प्रतिनिधियों में से 1496 प्रतिनिधियों ने भाग लिया अर्थात 95 प्रतिशत उपस्थिति रही। जिसमें राजस्थान से 87 प्रतिनिधि शामिल हुए।
भारतीय बोली—भाषा आत्मा में रची—बसी….. प्रतिनिधि सभा में इस बार भारतीय भाषाओं के संरक्षण एवं सवर्द्धन की आवश्यकता पर प्रस्ताव पारित किया गया। माना गया कि विदेशी भाषाओं के शब्दों के उपयोग में आ जाने से आज अनेक भाषाएं एवं बोलियां विलुप्त हो चुकी है। इस गम्भीर चुनौती से स्वयंसेवक, समाज व सरकार को दैनिक जीवन में भारतीय भाषाओं के संवर्धन का प्रयास करने का आह्वान किया। संघ प्रतिनिधियों का मानना था कि भाषा किसी भी व्यक्ति और समाज की पहचान और संस्कृति का महत्वपूर्ण घटक है। विविध भाषाओं में उपलब्ध लिखित साहित्य की तुलना में कई गुना अधिक ज्ञान गीतों, लोकोक्तियों तथा लोककथाओं आदि की मौखिक परम्परा के रूप में होता है।
प्रवेश,शिक्षा और सरकारी हो भाषा… संघ ने प्रस्ताव पारित किया कि देशभर में प्राथमिक शिक्षण मातृभाषा या अन्य किसी भारतीय भाषा में ही होना चाहिए। तकनीकी और आयुर्विज्ञान सहित उच्च शिक्षा के स्तर पर सभी संकायों में शिक्षण, पाठ्य सामग्री तथा परीक्षा का विकल्प भारतीय भाषाओं में सुलभ कराया जाना चाहिए। नीट व यूपीएससी परीक्षाओं में भारतीय भाषाओं में शुरू हुई है, अब अन्य प्रवेश व प्रतियोगी परीक्षाएं भी भारतीय भाषाओं में होनी चाहिए। सरकारी और न्यायिक कार्य में भी भारतीय भाषाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। स्वयंसेवक सहित सभी समाज को बातचीत में मातृभाषा का उपयोग करना चाहिए। केंद्र व राज्य सरकारों को इस ओर प्रयास करना चाहिए।
संघ शाखाओं का हुआ विस्तार… अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2017 में सम्पूर्ण देश में 37190 स्थानों पर 58967 शाखाएं, 16405 साप्ताहिक शाखा एवं 7976 मासिक शाखाएं चल रही है। इस प्रकार से कुल 83348 स्थानों पर शाखा कार्य चलता है। पिछले साल के मुकाबले 750 नगरों में शाखाएं बढ़ी है। जयपुर महानगर में वर्ष 2011 में जहां 413 स्थानों पर शाखाएं लगती थी, अब वर्तमान में 916 जगहों पर शाखाएं लग रही है। जयपुर के 29 नगरों में 370 शाखाएं लगती है। अग्रवाल ने बताया कि सम्पूर्ण देश के साथ राजस्थान में भी संघ कार्य का विस्तार हुआ है। मेरठ और केरल प्रान्त की तरह राजस्थान में भी संघ कार्य को प्रत्येक मण्डल तक पंहुचानें का लक्ष्य है।
संघ प्रशिक्षण कार्य भी बढ़ा :- अग्रवाल ने बताया कि संघ का प्रशिक्षण भी बढ़ा। वर्ष 2017 में संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष और तृतीय वर्ष का 86 स्थानों पर वर्ग लगे। वहीं वर्ष 2018 में 92 स्थानों पर संघ शिक्षा वर्ग लगाए जाएंगे। वर्ष 2017 में 24139 कार्यकर्ताओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण में स्वयंसेवकों की क्षमता बढाना, समाजभिमुख व्यवहार करना, व्यक्तित्व विकास पर बल दिया जाता है।