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जयपुर

नहीं जीत पाए भरोसा, दस हजार करोड़ में से शिकायत मात्र 7 सौ करोड़ की

-एक माह में भी सभी पीडि़त नहीं आए सामने
-पोर्टल पर ली जा रही है शिकायत

जयपुरDec 07, 2019 / 12:55 am

manoj sharma

नहीं जीत पाए भरोसा, दस हजार करोड़ में से शिकायत मात्र 7 सौ करोड़ की

नहीं जीत पाए भरोसा, दस हजार करोड़ में से शिकायत मात्र 7 सौ करोड़ की

जयपुर

लोगों की जमा पूंजी ठगने वाली विभिन्न क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के खिलाफ एक साथ सभी जांच एजेंसियों ने कार्रवाई शुरू की है। विधानसभा से लेकर लोकसभा तक मामला चर्चा में होने के बावजूद जांच करने वाली संस्थाएं ठगे गए निवेशकों का भरोसा नहीं जीत सकीं। तभी तो हजारों करोड़ रुपए की ठगी करने वाली सोसायटियों के खिलाफ अभी तक मात्र सात सौ करोड़ ठगी की शिकायत दर्ज हुई है। इनमें सबसे अधिक आदर्श सोसायटी ने दस हजार करोड़ रुपए ठगे थे। उसकी मात्र अभी 350 करोड़ रुपए की शिकायत आई है।
के्रडिट सोसायटियों के खिलाफ शिकायत की शुरुआत करीब चार साल पहले शुरू हुई थी। जोधपुर तथा सिरोही के कुछ थानों में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआइआर) दर्ज हुई। सबसे पहले भविष्य के्रडिट सोसायटी के पदाधिकारी गिरफ्तार हुए जो अभी तक जेल में हैं। इसके बावजूद सोसायटियों की गतिविधियों पर किसी की नजर नहीं गई। मामला पहली बार तब चर्चा में आया जब आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के खिलाफ आयकर विभाग व सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) की रिपोर्ट आई। इसके अनुसार सोसायटी ने करीब दस हजार करोड़ रुपए का घपला किया है। इसके बाद एसओजी ने रिपोर्ट दर्ज की और कुछ माह बाद सभी पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया। इसके बाद नवजीवन तथा संजीवनी जैसी कई सोसायटियों के फर्जीवाड़े सामने आए।
चौंकाने वाला तथ्य है कि कई संस्थाओं की एक साथ कार्रवाई के दौरान भी यह स्थिति स्पष्ट नहीं हुई कि ठगी के पीडि़त हजारों लोग अपनी व्यथा कहां सुनाएं। इस बीच केन्द्र का नया कानून सामने आया। द बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपोजिट स्कीम एक्ट 2019 के तहत सरकार ने सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को कार्रवाई की जिम्मेदारी दी। साथ ही शिकायतें सुनने के लिए ऑन लाइन पोर्टल बनाया। 23 अक्टूबर, 19 को बने इस पोर्टल पर शिकायतें आना शुरू हुई। हालांकि करीब डेढ़ माह में मात्र 34 हजार शिकायतें दर्ज हुई हैं, जिनमें ठगी की रकम सात सौ 21 करोड़ रुपए बताई गई है, जबकि वास्तविक रकम कई गुना ज्यादा है।
एसएफआईओ की रिपोर्ट के मुताबिक आदर्श सोसायटी ने दस हजार करोड़ रुपए जमा किए थे। एसओजी की चार्जशीट के मुताबिक संजीवनी सोसायटी ने ही नौ सौ करोड़ से अधिक की ठगी की थी। वहीं, कोई भी संस्था लोगों को नुकसान की भरपाई का आश्वासन नहीं दे पाई। नए कानून के मुताबिक रजिस्ट्रार इसके लिए जिम्मेदार हैं, लेकिन उनके पास वर्तमान में जो सीमित शक्तियां हैं, उसे देखते हुए लोगों की उम्मीद नहीं जगी। यही कारण है कि पोर्टल पर अपेक्षाकृत शिकायतें नहीं आ रहीं। वहीं केन्द्रीय रजिस्ट्रार ने आदर्श सोसायटी पर गुजरात के अधिकारी को अवसायक तैनात कर दिया। अब राजस्थान के अधिकारी अवसायक गुजरात के सेवानिवृत्त आईएएस एच.एस.पटेल से सम्पर्क साध रहे हैं।
-ये संस्था कर रही हैं जांच
आयकर विभाग

सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ)
प्रवर्तन निदेशालय

एसओजी
सहकारी विभाग

अभी तक आई शिकायतें

सोसायटी शिकायत ठगी की रकम

आदर्श क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी 12055 361 करोड़
संजीवनी क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी 16832 268 करोड़

नवजीवन क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी 3610 60 करोड़

सहारा 317 3 करोड़

आदर्श को आपरेटिव बैंक 128 2 करोड़ 11 लाख

भविष्य क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी 95 2 करोड़ 57 लाख
रूबी क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी 38 1 करोड़ 89 लाख

अक्षत क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी 44 1 करोड़ 69 लाख

आदित्य के्रडिट को ऑपरेटिव सोसायटी 84 1 करोड़ 59 लाख

आवाम क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी 35 52 लाख
लोकहित भारती क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी 133 85 लाख 84 हजार

द यूनाइटेड मल्टी स्टेट क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी 27 83 लाख 95 हजार

आसरा क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी 30 81 लाख 94 हजार
स्टार्स मल्टीपरपज क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी 47 72 लाख 25 हजार

समरुद्धा जीवन के्रडिट को ऑपरेटिव सोसायटी 43 11 लाख 32 हजार

इनके अलावा साठ से अधिक और भी सोसायटियों के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई हैं।
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