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जयपुर

Papankusha Ekadashi जिंदगीभर क्रूरता करता रहा बहेलिया पर अंतिम दिन किया ऐसा काम कि मिल गया मोक्ष, जानिए यह अनूठी कथा

ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई के अनुसार खुद श्रीकृष्णजी ने युधिष्ठिर को इस व्रत का महत्व बताया था। इस बार 27 अक्टूबर को मंगलवार के दिन यह एकादशी व्रत है। इस व्रत में सात तरह के अनाजों की पूजा की जाती है। इनमें गेहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर की दाल शामिल है। इस एकादशी पर मौन व्रत रखने का विशेष महत्व है।

जयपुरOct 26, 2020 / 06:08 pm

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Padmanabha Ekadashi Vrat Ekadashi 2020 Dates

Padmanabha Ekadashi Vrat Ekadashi 2020 Dates

जयपुर. आश्विन शुक्लपक्ष की एकादशी पापांकुशा एकादशी के नाम से जानी जाती है। इस एकादशी पर विष्णुजी के पद्मनाभ रूप की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर विधिविधान से विष्णुपूजा करने से पाप नष्ट हो जाते हैं।
ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई के अनुसार खुद श्रीकृष्णजी ने युधिष्ठिर को इस व्रत का महत्व बताया था। इस बार 27 अक्टूबर को मंगलवार के दिन यह एकादशी व्रत है। इस व्रत में सात तरह के अनाजों की पूजा की जाती है। इनमें गेहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर की दाल शामिल है। इस एकादशी पर मौन व्रत रखने का विशेष महत्व है।
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर बताते हैं कि एकादशी तिथि पर सुबह स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें। विष्णुजी की विधिपूर्वक पूजा करते हुए विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। दिनभर पूजापाठ करते हुए निराहार रहें या एक समय फलाहार करें। ब्रह्मचर्य का पालन करें। द्वादशी पर सुबह जरूरतमंदों को अन्नदान के साथ व्रत का पारण करें।
व्रत की अनूठी कथा
पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक इस व्रत का संबंध एक क्रूर बहेरिया से है। विंध्य पर्वत पर रहनेवाले इस बहेलिए ने पूरा जीवन पाप करने में ही बिता दिया था पर मौत के बाद उसे मोक्ष मिल गया। दरअसल महर्षि अंगिरा के कहने पर उसने अंतिम दिन पापांकुशा एकादशी का व्रत रखा और विश्वासपूर्वक विष्णु आराधना की थी। इसके प्रभाव से उसके सारे पाप मिट गए।

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