scriptटेरर फंडिंग के खिलाफ सबूत नहीं दिया तो पाक होगा ब्लैकलिस्टेड | Pak will be blacklisted if not provided evidence of terror funding | Patrika News

टेरर फंडिंग के खिलाफ सबूत नहीं दिया तो पाक होगा ब्लैकलिस्टेड

locationजयपुरPublished: Oct 14, 2019 01:19:20 am

Submitted by:

Vijayendra

पेरिस में आज से एफएटीएफ की बैठक
18 अक्टूबर तक चलेगी
पड़ोसी मुल्क की मुश्किल बढ़ी

टेरर फंडिंग के खिलाफ सबूत नहीं दिया तो पाक होगा ब्लैकलिस्टेड

imran khan file photo

पेरिस (फ्रांस)
कश्मीर पर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने वाले पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आतंकियों से हमदर्दी को लेकर पाक ब्लैकलिस्ट हो सकता है। सोमवार से पेरिस में शुरू हो रही फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक में पड़ोसी मुल्क को साबित करना होगा कि उसने टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के साथ आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस कदम उठाए हैं। सूत्रों के अनुसार बैठक में पाकिस्तान द्वारा तैयार की गई अनुपालना रिपोर्ट को पाक के आर्थिक मामलों के मंत्री हम्माद अजहर के सामने जांचा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि एफएटीएफ ने जून, 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था और 27 पॉइंट का एक्शन प्लान देते हुए एक साल का वक्त दिया था। इस दौरान पाक को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी संगठनों की फंडिंग रोकने के उपाय करने थे। पाक यदि 27 पॉइंट का प्लान लागू करने में फेल रहता है तो उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। बैठक 18 अक्टूबर तक चलेगी।
दुनिया की आंखों में फिर झोंकी धूल
पाकिस्तान ने पिछले दिनों कुछ आतंकियों को जेल में डाला था। पाकिस्तान ऐसी कार्रवाई महज दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए करता है। पाकिस्तान में आतंकियों को पूरी छूट रहती है और वे भारत तथा अमरीका के खिलाफ जहर उगलते रहते हैं।

क्या काली सूची में जाएगा पाक?
अगस्त, 2019 में बैंकॉक में एशिया पैसिफिक जॉइंट ग्रुप ने पाक को फेल पाया था।
पाक रिपोर्टों में कहा गया है कि वह बच जाएगा, क्योंकि एशिया पैसिफिक ग्रुप में समीक्षा अच्छे तरीके से की गई थी।
भारतीय रिपोर्टों के मुताबिक पाक तनाव में है। बैंकॉक मीटिंग में पाक 27 पॉइंट्स के ऐक्शन प्लान में से 6 पर ही खरा उतरा था।
तकनीकी अनुपालन में भी उसे 40 में से 10 पॉइंट्स में संतोषजनक पाया गया था।
30 में पाक जीरो था तो 10 अहम पैरामीटर्स पर उसकी स्थिति ‘लोÓ थी।
कौन देगा पाक का साथ?
पाक को तुर्की, मलेशिया और चीन से मदद की आस है। संयुक्त राष्ट्र में इस्लामोफोबिया की बात कर पाक पीएम इमरान खान ने मुस्लिम देशों को साधने की कोशिश की थी।
काली सूची में डाला तो…
एफएटीएफ आतंकी संगठनों की फंडिंग पर नजर रखती है। एफएटीएफ ने पाक को 2008 से ग्रे लिस्ट में रखा है। इस सूची में शामिल देश को कर्ज देने में जोखिम समझा जाता है। इसके चलते अंतरराष्ट्रीय कर्जदाताओं ने पाक की आर्थिक मदद में कटौती की है।
पाक ब्लैकलिस्ट हुआ तो अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष, विश्व बैंक और यूरोपीय संघ उसकी वित्तीय साख को और गिरा सकते हैं। ऐसे में पाक की स्थिति और खराब हो सकती है।
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