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जयपुर

मार्च रोकने के लिए पाकिस्तान सरकार ने मांगे 550 कंटेनर

पाकिस्तान की इमरान सरकार को सत्ता से हटाने के लिए देश की दक्षिणपंक्षी पार्टी जमायत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआइ-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने सिंध से 27 अक्टूबर को आजादी मार्च निकालने की घोषणा की है। इसे 31 अक्टूबर को इस्लामाबाद में दाखिल होने से रोकने के लिए पुलिस रावलपिंडी और इस्लामाबाद शहरों को जोडऩे वाले प्रमुख मार्गों पर मालवाहक कंटेनरों को लगाने की तैयारी में है

जयपुरOct 20, 2019 / 12:14 am

dhirya

मार्च रोकने के लिए पाकिस्तान सरकार ने मांगे 550 कंटेनर

मार्च रोकने के लिए पाकिस्तान सरकार ने मांगे 550 कंटेनर

इस्लामाबाद . पाकिस्तान की इमरान सरकार को सत्ता से हटाने के लिए देश की दक्षिणपंक्षी पार्टी जमायत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआइ-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने सिंध से 27 अक्टूबर को आजादी मार्च निकालने की घोषणा की है। इसे 31 अक्टूबर को इस्लामाबाद में दाखिल होने से रोकने के लिए पुलिस रावलपिंडी और इस्लामाबाद शहरों को जोडऩे वाले प्रमुख मार्गों पर मालवाहक कंटेनरों को लगाने की तैयारी में है।
जेयूआइ-एफ ने इमरान सरकार पर धांधलेबाजी से चुनाव जीतने का आरोप लगाया है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) सहित प्रमुख विपक्षी दलों ने इसे समर्थन देने घोषणा की है।
द डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामाबाद पुलिस ने इमरान के खिलाफ मार्च को दाखिल होने से रोकने के लिए 550 मालवाहक कंटेनरों की मांग वेंडर से की है। पुलिस रावलपिंडी को आइजी प्रिंसिपल रोड से जोडऩे वाली सभी सड़कों को भी सील करने की तैयारी में है, ताकि प्रदर्शनकारियों को इस्लामाबाद में एकत्र होने से रोका जा सके।
सूत्रों के अनुसार, कानून और व्यवस्था की स्थिति को लेकर बानी गाला में इमरान के निजी आवास पर एक बैठक की गई थी। इसमें मार्च को रोकने के लिए विभिन्न विकल्पों पर चर्चा की गई। फैसला किया गया कि सरकार फजलुर रहमान सहित सभी विपक्षी दलों से बात करेगी। यदि बातचीत विफल रहती है तो सरकार सुरक्षाबलों को सरकारी बिल्डिंगों के बाहर तैनात करेगी। हालांकि, आंतरिक मंत्रालय इस पर अंतिम फैसला करेगा कि क्या सशस्त्र बलों को बुलाना चाहिए या नहीं।
एक्टिविस्ट ने पाक सेना की क्रूरता की दास्तां बताई 
इस्लामाबाद. मानवाधिकार की आवाज उठाने वालों को पाक सेना खामोश कर देती है। उनके परिजन को प्रताडि़त किया जाता है। किसी तरह जान बचाकर अमरीका पहुंचीं पाकिस्तान की मानवाधिकार कार्यकर्ता गुलालई इस्माइल ने पाक फौज की कू्ररता की दास्तां बताई।
गुलालई पश्तूनों पर पाक सरकार, पुलिस प्रशासन और सेना के अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाती रही हैं। माता-पिता पर टेरर फंडिंग का केस चल रहा है। सेना पर महिलाओं के यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाने वाली गुलालई ने बताया कि गुरुवार को सिविल ड्रेस में पाक सुरक्षा बल उनके घर पहुंचा, लेकिन उनके पिता मोहम्मद इस्माइल ने घर से निकलने से इनकार कर दिया।

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