पैलेस ऑन व्हील्स में सवार सैलानियों का आज जयपुर पहुंचने पर पारम्परिक राजस्थानी अंदाज में स्वागत किया गया। गांधी नगर रेलवे स्टेशन पर तिलक लगाकर और फूल मालाएं पहनाकर पर्यटकों का स्वागत—सत्कार किया गया। वहीं, लोक कलाकारों ने कच्छी घोड़ी ओर कालबेलिया नृत्य समेत राजस्थानी लोक संगीत से समां बांध दिया। पर्यटक राजसी ढंग से हुए स्वागत से अभिभूत नजर आए।
राजस्थान पर्यटन विकास निगम अधिकारियों ने बताया कि शाही ट्रेन में आए सैलानी पहले आमेर फोर्ट पहुंचकर हाथी सफारी करेंगे। इसके बाद जंतर-मंतर, सिटी पैलेस और अल्बर्ट हॉल देखेंगे। पर्यटकों को परकोटे के बाजारों में खरीदारी के लिए भी ले जाया जाएगा। शाही ट्रेन में आए पर्यटन दिनभर जयपुर में बिताने के बाद रात 8 बजे सवाई माधोपुर के लिए रवाना हो जाएंगे। जयपुर से सवार होने वाले सभी यात्री उदयपुर में उतर जाएंगे। जब पैलेसे आॅन व्हील्स वापस दिल्ली लौटेगी तो उसमें 18 में से 7 ही यात्री वापस दिल्ली जाएंगे। यानी 82 यात्री क्षमता वाली ट्रेन महज सात यात्रियों के साथ सफर पूरा करेगी।
आरटीडीसी ने शाही ट्रेन के प्रति आकर्षण बढ़ाने के लिए भाप से चलने वाला पुराना रेल इंजन लगाने का प्रस्ताव तैयार किया है। यह प्रस्ताव उच्च स्तर पर भिजवाया गया है। लेकिन स्टीम इंजन की स्थिति को देखते हुए उसे शाही ट्रेन में जोड़ना मुश्किल फैसला साबित हो रहा है। आरटीडीसी सूत्रों की मानें तो स्टीम इंजन इस स्थिति में नहीं है कि ट्रेन को लेकर फेरा पूरा करवा सके। भाप से चलने वाला इंजन बहुत पुराना और उसके बीच रास्ते में खराब होने की आशंका बनी रहेगी। इसलिए प्रस्ताव को अब तक मंजूरी नहीं मिली है। स्टीम इंजन को शाही ट्रेन से जोड़ने से पहले उसकी क्षमता की तकनीकी तौर पर जांच की जाएगी।
पैलेस ऑन व्हील्स में दिल्ली से 18 यात्री आए हैं, जयपुर से 24 मिलेंगे। पहले फेरे में 42 यात्रियों की बुकिंग ठीक कही जा सकती है। आगे के 3—4 फेरों के लिए ट्रेन में बुकिंग फुल है। इस बार ट्रेन बिना स्टीम इंजन के ही आई है। स्टीम इंजन पर फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ है।
प्रदीप बोहरा, कंसल्टेंट मैनेजर, आरटीडीसी