script12 जिलों में पंचायतों के चुनाव कराने की तैयारी, अगस्त माह में जारी होगा चुनाव कार्यक्रम | Panchayat election program will be released in the month of August | Patrika News

12 जिलों में पंचायतों के चुनाव कराने की तैयारी, अगस्त माह में जारी होगा चुनाव कार्यक्रम

locationजयपुरPublished: Jun 18, 2021 10:36:16 am

Submitted by:

firoz shaifi

-राज्य निर्वाचन आयोग ने शुरू की चुनावी तैयारियां, पंचायत राज विभाग ने भी जिला निर्वाचन अधिकारियों को दोबारा लॉटरी निकालने के निर्देश दिए

election commission

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जयपुर। प्रदेश में कोरोना संक्रमण का प्रकोप अब कम होने के बाद राज्य सरकार शेष 12 जिलों में पंचायत और जिला परिषदों के चुनाव कराने की तैयारी में है। राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव तैयारियों में जुट गया है। माना जा रहा है कि अगस्त माह के पहले सप्ताह में राज्य निर्वाचन आयोग 12 जिलों में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है।

राज्य निर्वाचन आयोग ने भी 2 जून को ग्रामीण एवं पंचायती राज विभाग को दोबारा आरक्षण की लॉटरी दोबारा खोलने के निर्देश दिए थे। निर्वाचन आयोग की चिट्ठी के बाद ग्रामीण एवं पंचायती राज विभाग ने आरक्षण लॉटरी दोबारा कराए जाने के निर्देश जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिए थे। आरक्षण लॉटरी का काम संभवतः जुलाई के अंत तक होने की बात कही जा रही है। इसके बाद ही राज्य निर्वाचन आयोग अपना चुनाव कार्यक्रम घोषित करेगा।

आयोग ने भी लिखा था सरकार को पत्र
दरअसल कोरोना संक्रमण के मामले काम होने के साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग ने शेष बचे 12 जिलों में पंचायतों के चुनाव कराए जाने के लिए राज्य सरकार को को निर्देश दिए थे कि नगर पालिकाओं के गठन से प्रभावित ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन और प्रभावित जिला परिषद पंचायत समिति के साथ ग्राम पंचायतों के निर्वाचन क्षेत्रों-वार्डों का पुनगर्ठन एवं आरक्षण के पुनः निर्धारण के कार्य के लिए नए कार्यक्रम शीघ्र जारी कर आयोग को अवगत कराएं। ताकि इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग प्रभावित पंचायती राज संस्थाओं के नवीन-संशोधित परिसीमन के अनुसार इनकी मतदाता सूची तैयार करा कर इनके आम चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जा सके।

इन 12 जिलों में होंगे पंचायतों के चुनाव
प्रदेश के जिन 12 जिलों में पंचायतों के चुनाव होने हैं उनमें अलवर, बारां, दौसा, भरतपुर, धौलपुर, जयपुर, जोधपुर, करौली, कोटा, सवाई माधोपुर, सिरोही और श्रीगंगानगर में जिला परिषदों और पंचायत समितियों के चुनाव कराए जाने हैं। इन 12 जिलों में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव नहीं होने के कारण निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हो गया है।

ऐसे में राज्य सरकार की ओर से नियुक्त प्रशासक ही जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। राज्य में पंचायती चुनाव के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि इतने लंबे समय तक जिला परिषद एवं पंचायत समिति की कमान चुने हुए प्रतिनिधियों की बजाय प्रशासकों के हाथ में है।

चुनाव बाद होंगी जिला स्तरीय राजनीतिक नियुक्तियां
वहीं हालांकि जिन 12 जिलों में चुनाव कराए जाने हैं उसकी एक वजह ये भी है कि जब तक इन 12 जिलों में पंचायतों के चुनाव नहीं होंगे तब तक इन जिलों में जिला और ब्लॉक स्तर की राजनीतिक नियुक्तियां नहीं होंगी। जबकि जिन जिलों में पंचायतों और जिला परिषद के चुनाव हो चुके हैं वहां जिला स्तरीय और ब्लॉक स्तरीय राजनीतिक नियुक्तियों का दौर शुरू हो चुका है। ऐसे में सरकार की मंशा है कि इन 12 जिलों में चुनाव जल्द कराएं जाएं, जिससे इन जिलों के कांग्रेस कार्यकर्तांओं को भी राजनीतिक नियुक्तियों का लाभ दिया जा सके।

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