script‘पानीपत’ विवाद : जानिए कौन थे महाराजा सूरजमल | 'Panipat' controversy: know who was Maharaja Suraj Mal | Patrika News
जयपुर

‘पानीपत’ विवाद : जानिए कौन थे महाराजा सूरजमल

मराठा योद्धा सदाशिवराव भाऊ को दिए थे कई सुझाव

जयपुरDec 09, 2019 / 01:08 am

Jagdish Vijayvergiya

जयपुर. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बनी एक और फिल्म ‘पानीपतÓ पर छिड़ी रार के बीच जानना जरूरी है कि महाराजा सूरजमल कौन थे।
महाराजा सूरजमल का जन्म 13 फरवरी 1707 को हुआ था। वह राजा बदनसिंह ‘महेन्द्रÓ के दत्तक पुत्र थे। उन्हें पिता से बैर की जागीर मिली थी। उन्होंने 1743 में भरतपुर नगर की नींव रखी और 1753 में वहां आकर रहने लगे। उनके क्षेत्र में भरतपुर सहित आगरा, धौलपुर, मैनपुरी, हाथरस, अलीगढ़, इटावा, मेरठ, रोहतक, मेवात, रेवाड़ी, गुडग़ांव और मथुरा सम्मिलित थे। वर्ष 1761 की 14 जनवरी को अहमदशाह अब्दाली के साथ पानीपत की तीसरी लड़ाई में कुछ ही घंटे में मराठों के एक लाख में से आधे से ज्यादा सैनिक मारे गए। इस त्रासदी से बचने की सलाह महाराज सूरजमल ने सदाशिव राव भाऊ को दी थी, जिसे नहीं माना गया।
———————————————————
महाराजा सूरजमल ने दिए थे ये सुझाव
1. पानीपत का तीसरा युद्ध 14 जनवरी 1761 को यानी सर्दी में हुआ था। महाराजा सूरजमल ने सलाह दी थी कि अब्दाली की सेना पर अभी आक्रमण मत करो क्योंकि अभी सर्दी है और अफगान सैनिक इसे असानी से सह लेंगे। ये लोग गर्मी नहीं सह सकते इसलिए गर्मी में हमला करना ठीक होगा।
2. मराठा शासक इस युद्ध में कई हजार स्त्रियों और बच्चों को लेकर चले थे। महाराजा सूरजमल का कहना था कि युद्ध में स्त्रियों और बच्चों को साथ लेकर मत घूमो। इससे इनकी सुरक्षा में ध्यान बंटेगा। उन्होंने भरतपुर के डीग के किले में इन्हें सुरक्षित रखने की सलाह दी थी।
3. उन्होंने यह भी सलाह दी थी कि शत्रु की सेना पर सीधा आक्रमण नहीं करना चाहिए क्योंकि अब्दाली के पास बड़ी सेना है और भारत के बहुत मुस्लिम शासक उसके पक्ष में हैं। इसलिए इनसे झपट्टामार लड़ाई करते हुए छापे मारो।
4. महाराजा सूरजमल ने मराठाओं को लाल किले की सम्पत्ति और युद्ध के दौरान आसपास के लोगों को लूटने से भी मना किया था। उनका तर्क था कि इससे मुस्लिम शासकों के सरदार नाराज होकर अब्दाली से मिल जाएंगे। भरतपुर के शासक ने राज्य के कोष से मराठा सेनाओं का वेतन तक देने की पेशकश की थी। युद्ध में मुगलों को साथ मिलाने का भी सुझाव दिया था। इस युद्ध को रणनीति से जीतने के लिए उन्होंने कई सुझाव दिए थे लेकिन मराठाओं के साथ हुए इस मतभेद ने भारत को ऐसे युद्ध में झोंक दिया, जिससे देश को लगभग 200 वर्षों तक अंग्रेजी शासन झेलना पड़ा।
————————————————————
इस पर है विवाद
फिल्म में मराठा योद्धा सदाशिवराव भाऊ (अर्जुन कपूर द्वारा निभाया किरदार) अफगानों के खिलाफ मदद करने के लिए महाराजा सूरजमल से कहते हैं लेकिन सूरजमल बदले में कुछ चीज चाहते हैं। मांग पूरी नहीं होने पर वह सदाशिव के साथ युद्ध में जाने से इनकार कर देते हैं। इसके अलावा फिल्म में दिखाए गए स्थानीय लोग राजस्थानी और हरियाणवी बोल रहे हैं। भाषा को लेकर भी लोगों की आपत्ति है।
————————————————————
पहले भी हुए हैं विवाद
– वर्ष 2008 : निर्देशक आशुतोष गोवारिकर की फिल्म ‘जोधा अकबरÓ का भी राजस्थान में राजपूत समाज ने प्रबल विरोध किया था। तर्क था कि फिल्म में जोधा का किरदार तथ्यों से परे है। तब राजस्थान में फिल्म चलने नहीं दी गई थी। 
– वर्ष 2018 : निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म का विवाद शूटिंग के साथ ही शुरू हो गया था। जयपुर के जयगढ़ किले में शूटिंग के दौरान भंसाली से मारपीट तक हुई थी। राजपूत समाज के कहने पर फिल्म कई बदलाव भी हुए। इसके बावजूद फिल्म पूरे राजस्थान में रिलीज नहीं हो पाई थी। 
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो