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जयपुर

आबादी क्षेत्र में फिर आया पैंथर

आबादी क्षेत्र में फिर आया पैंथर
खमनोर कस्बे के गांव फतेहपुर में एक मकान में घुसा पैंथर
मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम
अजमेर में कुंए में गिरा पैंथर, किया ट्रैक्यूलाइज

जयपुरMar 23, 2020 / 01:39 pm

Rakhi Hajela

आबादी क्षेत्र में फिर आया पैंथर

आबादी क्षेत्र में फिर आया पैंथर

आबादी क्षेत्र में वन्यजीवों के आने की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अब राजसमंद के खमनोर कस्बे में पैंथर आने का मामला सामने आया है। राजसंमद के खमनोर कस्बे के आबादी क्षेत्र में पैंथर के आने से दहशत का माहौल पैदा हो गया। वहीं अजमेर के एक गांव में पैंथर कुंए में गिर गया।
गांव में दहशत का माहौल

राजसमंद के खमनोर कस्बे में एक बार फिर आबादी क्षेत्र में पैंथर के आने से दहशत का माहौल बन गया। मिली जानकारी के अनुसार खमनोर थाना क्षेत्र के फतेहपुर गांव में अलसुबह एक पैंथर एक मकान में जा घुसा। पैंथर के आने की सूचना पाकर मौके पर काफी भीड़ एकत्र हो गई। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी जिसके बाद पैंथर को रेस्क्यू करने के लिए वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। वहीं थाना पुलिस ने भी मौके पर पहुंच कर भीड़ को वहां से हट जाने की अपील की। स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ दिन पहले भी निचली भागल निवासी कुशालसिंह के घर में रात्रि के समय पैंथर घुस गया था और घर में बंधे एक बकरे को अपना शिकार बनाया था। इसके बाद पैंथर ने एक नील गाय को शिकार बनाया था। अब पैंथर फिर से शिकार के लालच में गांव में आ गया है, जिसे पकडऩे के लिए वन विभाग की टीम प्रयास कर रही हैं।
कुएं में गिरे पैंथर को किया ट्रैक्यूलाइज
वहीं अजमेर जिले की सावर तहसील क्षेत्र के कुशायता गांव में एक पैंथर कुएं में गिर गया। कुएं में गिरने के बाद पैंथर कई घंटे तक दहाड़ता रहा। आवाज सुनकर स्थानीय लोगों ने कुएं में जाकर देखा तो पैंथर दिखाई दिया। स्थानीय लोगों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी। सूचना पर जयपुर से पहुंची वन विभाग की टीम ने पैंथर को ट्रेंक्यूलाइज कर बाहर निकाला। जयपुर से वन विभाग की टीम के साथ पहुंचे डॉक्टर अरविंद माथुर ने बताया कि यह करीब पांच वर्षीय नर पैंथर था। जिसे सुरक्षित रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया गया है।
पहले भी सामने आ चुके हैं कई मामले

आपको बता दें कि कुछ दिनों पूर्व सवाई माधोपुर के सटे गांवों में भी पैंथर के देखे जाने के मामले सामने आए हैं। गत ११ मार्च को ईसरदा के पास स्थित गांव रायपुर में पैंथर पहुंच गया था और उसके एक पशुपालक की भेड़ों पर हमला कर दिया था। इसमें ४८ भेड़ें मारी गई थी और २० से अधिक घायल हो गई थीं। भीलवाड़ा में पिछले तीन माह में चार बार पैंथर के आबादी क्षेत्र में देखे जाने के मामले सामने आ चुके हैं। भीलवाड़ा के करेड़ा, बदनोर, दौलतगढ़, मांडलगढ़ और लाडपुरा क्षेत्र में पैंथर दहशत के पर्याय बना हुआ है। यहां गत एक माह के दौरान ही पैंथर के हमले में एक दर्जन से अधिक मवेशी मारे जा चुके हैं और कई लोग जख्मी हुए हैं लेकिन वन विभाग के पिजंरे में भी ग्रामीणों को दहशत से मुक्त नहीं करवा पा रहे हैं।
राज्य के विभिन्न जिलों में आबादी क्षेत्र में पैंथर देखे जाने के मामले

२२ मार्च २०२० : सरिस्का के कुंडल क्षेत्र में मिले पैंथर के पगमार्क

१५ मार्च २०२० : सामोद के नांगल भरड़ा क्षेत्र में पैंथर की आवाजाही, मवेशियों को बनाया शिकार
११ मार्च २०२० : बांसवाड़ा के परतापुर सर्वेश्वर गौशाला में पैंथर ने किया श्वान का शिकार

८ मार्च २०२० : बांसवाड़ा के तलवडि़या गांव में पैंथर ने किया बेल का शिकार

२२ फरवरी २०२०: अलवर के शहर के समीपवर्ती सागर, मूसी महारानी की छतरी के पीछे, मंशा देवी मंदिर व किशन कुंड तक पैंथर नजर आया।
१५ जनवरी २०२० : चूरू जिले के सांडवा क्षेत्र और आसपास के इलाके में पैंथर का मूवमेंट, ग्रामीणों ने पैंथर को मारा।

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