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जयपुर

सबसे बड़े अस्पताल में मरीज इलाज की उम्मीद से आते हैं, लेकिन यहां मौजूद अव्यवस्थाएं सरकारी दावों की यूं पोल खोलती हैं

अस्पताल प्रशासन की अनदेखी के चलते वार्डों में भर्ती मरीजों को रोजाना परेशानियों से रूबरू होना पड़ता है। सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है….

जयपुरMar 08, 2017 / 09:47 am

vijay ram

unfacilities in sms hospital jaipur

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राजस्थान के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में मरीज इलाज की उम्मीद से आते हैं, लेकिन यहां मौजूद अव्यवस्थाएं सरकारी दावों की पोल खोलती है। अस्पतालों की व्यवस्थाओं को सुधारने के वादे तो बहुत किए जाते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही होती है। सरकारी अस्पतालों में मौजूद ठेका व्यवस्था के चलते पूरा ढर्रा बिगड़ा हुआ है। अस्पताल में सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है। इस बजट में लोगों को उम्मीद है कि इस सरकारी अस्पताल का ढर्रा बदलेगा आैर लोगों को ज्यादा सुविधाएं मिल सकेंगी। साथ ही यहां के कर्मचारियों की परेशानी भी दूर होगी। 

अस्पताल में लगे कचरे के ढेर व गंदगी इसका जीता जागता उदाहरण है। कभी रेजिडेंट्स तो कभी कर्मचारियों की हड़ताल के चलते अस्पताल की व्यवस्थाएं आए दिन पटरी से उतर जाती हैं।


अस्पताल में मरीजों को विशेषज्ञ

चिकित्सकों से परामर्श तो मिलता है, लेकिन आउटडोर की कतार ही इतनी लंबी होती है कि अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाते हैं। वार्डों की बात करें तो अस्पताल प्रशासन की अनदेखी के चलते वार्डों में भर्ती मरीजों को रोजाना परेशानियों से रूबरू होना पड़ता है।

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हैरत की बात तो यह है कि सौदाबाजी का यह खेल कई दिनों से जारी है। रक्तदान जैसे पुण्य के कार्य में भी दलाल अपनी जेब भरने से बाज नहीं आ रहे हैं। अस्पतालों के वार्डों की बात करें तो यहां रात में मरीजों की सेहत का रखवाला ऊपर वाला होता है।

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यहां रेजिडेंट्स डॉक्टर तो तैनात रहते हैं, लेकिन वो भी रात होते ही वार्डों से पार हो जाते हैं। इस पर हमारे चिकित्सा मंत्री का अस्पताल में इलाज में राजनीति को को लेकर दिया गया बयान इंसानियत को शर्मसार करने वाला है। एेसे में सरकारी अस्पतालों के जिम्मेदारों से तो उम्मीद करना ही बेमानी होगा।
माना जा रहा है कि एसएमएस अस्पताल के लिए बजट घोषणाएं कर सकती हैं जिससे अस्पताल की व्यवस्थाएं आम लोगों के लिए परेशानी का सबब कम आैर राहत ज्यादा दे सकती है।

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