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जयपुर

गोद में बेटी को लेकर जिंदा साबित करने के लिए डेढ़ साल से चक्कर लगा रहे मां-बाप

स्वास्थ्य विभाग (health Department) की एक गलती ने दंपती (Parents) को चक्कर लगाने का मजबूर कर दिया। विभाग ने उनकी जीवित दो साल की बेटी को मृत बता दिया। दंपती उसको जीवित साबित करने के लिए डेढ़ साल से विभाग के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड (Official record) में बच्ची अब तक जीवित नहीं हो पाई।

जयपुरSep 15, 2019 / 01:36 am

vinod

गोद में बेटी को लेकर जिंदा साबित करने के लिए डेढ़ साल से चक्कर लगा रहे मां-बाप

गोद में बेटी को लेकर जिंदा साबित करने के लिए डेढ़ साल से चक्कर लगा रहे मां-बाप

-स्वास्थ्य विभाग का कारनामा
-जिंदा बिटिया को बता दिया मृत, अब परिजन चक्कर काटने को मजबूर

कांवट (सीकर)। मां-बाप (Parents) पिछले डेढ़ साल से स्वास्थ्य विभाग (health Department) में केवल इसलिए चक्कर काट रहे हैं कि उसकी दो साल की बिटिया को जीवित साबित (Prove the girl alive) किया जा सके। गोद में बिटिया को देखकर भी कार्मिक यह मानने का तैयार नहीं की यह जीवित है। उनका कहना है कि सरकारी रिकॉर्ड (Official record) के अनुसार तो यह मृत है। कई मां-बाप के कई चक्कर लगाने के बाद भी अस्पताल प्रशासन ने अभी तक गलती को नहीं सुधारा है और ऑनलाइन टीकाकरण योजना (Online vaccination scheme) में मृत बता रखा है।
सीकर जिले के कांवट कस्बे के जोशी मोहल्ला निवासी गौतम कुमार शर्मा की पत्नी मनीषा के 24 सितंबर 2017 को बच्ची का जन्म हुआ था। नन्हीं बच्ची तविषा को कांवट सीएचसी में परिजनों ने टीके लगवाए, लेकिन जब परिजन दूसरी बार बिटिया को टीका लगवाने के लिए अस्पताल लेकर गए तो टीकाकरण कार्मिकों ने उनकी बच्ची को मृत बता दिया। इसके बाद दंपती जब भी टीकाकरण के लिए सीएचसी जाते, तो उन्हें उनकी बच्ची को मृत ही बताया जाता। बाद में मामला समझ में आया कि टीकाकरण की ऑनलाइन अपडेट के दौरान गलती से कार्मिकों ने बच्ची की जानकारी मृत बता रखी थी।
अब जिंदा साबित करने के लिए काट रहे चक्कर
गौतम शर्मा की बेटी तविषा अब दो साल ही हो गई है, लेकिन तविषा के माता-पिता डेढ़ साल से अपनी जीवित बेटी को ही जिंदा साबित करने के लिए कांवट सीएचसी के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने अभी तक गलती को नहीं सुधारा है।
गलती सुधार के लिए विभाग को पत्र भेजा
कांवट सीएचसी में टीकाकरण के बाद ऑनलाइन अपडेट के समय गलती से बच्ची मृत दर्ज हो गई। इस गलती के सुधार के लिए विभाग को पत्र भेज रखा है। जल्द ही ऑनलाइन अपडेट में सुधार हो जाएगा।
डॉ. आर के शर्मा, चिकित्सा प्रभारी, सीएचसी, कांवट

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